बंगलुरु: राजनीति से जुड़ा व्यक्ति कब कहाँ पहुँच जाए यह कोई नहीं बता सकता, यहाँ किसी नेता के घर काम करने वाला कर्मचारी भी किसी दिन राजनीति में बड़ा नाम बन सकता है, क्योंकि इसमें सबसे ख़ास बात तो ये है कि इसके लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती. अगर आपको एक सरकारी नौकरी भी हासिल करनी हो तो आपकी चप्पलें घिस जाएंगी, सिर के बाल उड़ जाएंगे, लेकिन खुद सरकार बनने के लिए केवल आपकी जुबान ही काफी है, ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है, कर्नाटक चुनाव के नामांकन पत्रों से. यहाँ बीजेपी नेता बोया श्रीरामुलू ने भी अपना नामांकन जमा किया है, जिसमे वे बादामी सीट से सीएम सिद्धारमैया के सामने चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. राज्य की दलित राजनीति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को आगे रखा है, तो इसका मुकाबला करने के लिए भाजपा ने बी श्रीरामुलू को आगे किया है, श्रीरामुलू अनुसूचित जनजाति से आते हैं. उनकी रंगीन, तड़क-भड़क वाली लाइफस्टाइल, संपन्नता और इसके बावजूद विनम्रता की वजह से लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं. वह उस शिकारी समुदाय से आते हैं जिसे बेडा, जेडा या वाल्मीकि कहते हैं. इस समुदाय का राज्य में काफी बड़ा वोट बैंक है. आपको बता दें कि श्रीरामुलू वही व्यक्ति हैं जो 1999 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान बेल्लारी क्षेत्र में दौरा करतीं सुषमा स्वराज की गाड़ी ड्राइव करते दिखे थे, इस चुनाव में सुषमा स्वराज, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी थीं. लेकिन आज श्रीरामुलु एक बड़े नेता बन गए हैं और सिद्धारमैया की सीट बादामी से चुनाव लड़ रहे हैं. अब आपको पता चला कि राजनीति में तरक्की कैसे होती है. कर्नाटक चुनाव में इन मुद्दों पर होगा घमासान कर्नाटक में जेडीयू ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की बीजेपी ने सिद्धारमैया के खिलाफ उतारा इस नेता को