अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर दुःख जाहिर किया है। उन्होंने एक ट्वीट में माध्यम से दुःख जताया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'केशुभाई ने मेरे सहित कई छोटे कार्यकर्ताओं को तैयार किया था। सभी को उसका मिलनसार स्वभाव पसंद था। उनका निधन एक अपूरणीय क्षति है। हम सभी आज शोक मना रहे हैं।' उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, 'हमारे प्यारे और सम्मानित केशुभाई का निधन हो गया है।। मैं बेहद दुखी हूं। वह एक उत्कृष्ट नेता थे जिन्होंने समाज के हर वर्ग की देखभाल की। उनका जीवन गुजरात की प्रगति और हर गुजराती के सशक्तिकरण के लिए समर्पित था।' Keshubhai mentored and groomed many younger Karyakartas including me. Everyone loved his affable nature. His demise is an irreparable loss. We are all grieving today. My thoughts are with his family and well-wishers. Spoke to his son Bharat and expressed condolences. Om Shanti. pic.twitter.com/p9HF3D5b7y — Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2020 वहीं एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी लिखते हैं, 'केशुभाई ने जनसंघ और भाजपा को मजबूत करने के लिए गुजरात के हर इलाके में यात्रा की। उन्होंने आपातकाल का विरोध किया। किसान कल्याण के मुद्दे उनके दिल के सबसे करीब थे। विधायक, सांसद, मंत्री या सीएम के रूप में रहते हुए उन्होंने किसानों के हित में कई कदम उठाए।' वैसे केशु भाई पटेल के बारे में बात करें तो वह पहली बार साल 1995 में गुजरात के सीएम पद पर रहे थे। वहीं इसके बाद वह साल 1998 से साल 2001 तक दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर बने हुए थे। उन्होंने छह बार राज्य में विधानसभा चुनाव जीते थे। Keshubhai travelled across the length and breadth of Gujarat to strengthen the Jana Sangh and BJP. He resisted the Emergency tooth and nail. Issues of farmer welfare were closest to his heart. Be it as MLA, MP, Minister or CM, he ensured many farmer friendly measures were passed. pic.twitter.com/qvXxG0uHvo — Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2020 इसी के साथ केशु भाई पटेल ने साल 2012 में बीजेपी छोड़ दी थी और अपनी नई पार्टी 'गुजरात परिवर्तन पार्टी' बनाई थी। वहीं साल 2012 के राज्य विधानसभा चुनाव में उन्हें विसावदर सीट से विधायक चुना गया था, लेकिन बाद में बीमार होने के कारण उन्होंने 2014 में इस्तीफा दे दिया था। आपको हम यह भी बता दें कि केशुभाई पटेल ने साल 1945 में प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्वाइन किया था और वह साल 1975 में आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे। आज ही अस्पताल में उनका निधन हो गया है। 'हम राम का पुतला जला रहे हैं क्योंकि रावण अधिक तपस्वी था...' पंजाब से 4 युवक गिरफ्तार क्या पंजाब में चलने लगीं हैं ट्रेनें ? अब इंडियन रेलवे ने दिया जवाब 89 दिनों से बिना वेतन के काम कर रहे असम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर