नई दिल्ली: दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है. अदालत ने इस मामले में अन्य अभियुक्तों को भी जमानत दी और उन्हें 50,000 रूपये का जमानत बांड जारी करने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने दस्तावेजों की जांच के लिए अगले तारीख 25 अप्रैल तय की है. पिछले महीने से पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत सिंह, उनकी पत्नी और अन्य लोगों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने नोटिस जारी कर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान वीरभद्र सिंह को कोर्ट ने 22 मार्च को खुद पेश होने को कहा था .कोर्ट ने ये नोटिस 7 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भेजा है. स्पेशल जज संतोष स्नेही ने कहा कि शुरुआती जांच में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के 31 मार्च 2017 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई को हिमाचल में जांच करने से पहले राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी. प्रवर्तन निदेशालय ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में पिछले साल 5.6 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति भी जब्‍त की थी. इस मामले में सीबीआई भी वीरभद्र सिंह से पूछताछ कर चुकी है. जांच में पाया गया था कि वीरभद्र सिंह ने केंद्र में इस्पात मंत्री के रूप में 2009-2011 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम 6.03 करोड़ रुपए जमा किए थे, जो कि उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक रकम थी. सुप्रीम कोर्ट ने दी कार्ति को राहत पंजाबी पॉप गायक दलेर मेंहदी को दो साल की सजा आईएनएक्स मामले में पी.चिदंबरम से पूछताछ सम्भव