सागर: मध्य प्रदेश का शीतकालीन सत्र हाल ही में आरम्भ हो गया है। इस के चलते, प्रदेश के पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र सागर जिले के मालथौन में एक अशासकीय स्कूल के संचालन में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने यह मुद्दा विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के रूप में प्रस्तुत किया। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने कल ध्यानाकर्षण के माध्यम से यह मुद्दा उठाया, जिसमें बताया गया कि उनके क्षेत्र में एक प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहा है तथा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इस पर कई अनियमितताएं भी हो रही हैं, और भूपेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने कहा, "हमने अपने विधानसभा क्षेत्र के स्कूल के बारे में ध्यानाकर्षण लगाया, जहां पर प्राइवेट स्कूल द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसके साथ ही, कई प्रकार की अनियमितताएं भी सामने आई हैं, जिन पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।" इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कई अन्य शिक्षण संस्थाएं ऐसी हैं जो नियमों का पालन नहीं कर रही हैं, जिनमें से कुछ स्कूलों में तो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी घटी हैं, जैसे कि बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले। भूपेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और सरकार से कार्रवाई की मांग की। सदन में टूट रही हैं परंपराएं भूपेंद्र सिंह ने इस मौके पर सदन में टूट रही परंपराओं की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, "पहले जब ध्यानाकर्षण से संबंधित कोई सवाल उठता था, तो विधायकों और मंत्रियों के बीच संवाद होता था, जिससे कोई संवादहीनता नहीं होती थी। किन्तु अब यह परंपरा टूट चुकी है। अब संवाद की कमी देखी जा रही है, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।" भूपेंद्र सिंह ने अपने क्षेत्र में एक स्कूल के बारे में उठाए गए मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर प्राइवेट स्कूल द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है तथा इसके परिणामस्वरूप कई अनियमितताएं भी हो रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हाल ही में इस स्कूल में यौन शोषण की घटनाएं भी बढ़ी हैं, जिनके बारे में उन्होंने सदन में बात की थी। उन्होंने मंत्री से यह सवाल पूछा, "क्या सरकार यह मानती है कि यौन शोषण की घटनाओं पर मुझे खुश होना चाहिए? क्या सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता नहीं है?" भूपेंद्र सिंह ने प्रदेश में बढ़ती यौन शोषण की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए एक ठोस नीति बनानी चाहिए, जिससे ऐसे मामलों को रोका जा सके। सरकार से नीति बनाने की अपील भूपेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरकार से एक ठोस नीति बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, "मैं इस ध्यानाकर्षण के जरिए सरकार से यह निवेदन कर रहा हूं कि हमें एक ऐसी नीति बनानी चाहिए, जो गैरकानूनी अशासकीय शिक्षण संस्थानों को रोके। जिन शिक्षण संस्थानों में अनियमितताएं हैं, उन्हें बंद किया जाए। जिनमें पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, जैसे कि खेल का मैदान या अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाएं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, जो अच्छे से चल रहे हैं और जिनमें कोई समस्या नहीं है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू किया गया है तथा कई सुधार भी किए गए हैं। हालांकि, उन्होंने यह सवाल उठाया कि नई शिक्षा नीति में यौन शोषण को रोकने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं हैं। उन्होंने कहा, "हमें इस बात पर विचार करना होगा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमें और क्या कदम उठाने चाहिए। जब तक इस मुद्दे पर गंभीरता से काम नहीं किया जाता, तब तक ऐसी घटनाएं घटती रहेंगी।" भूपेंद्र सिंह ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सरकार की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर सकारात्मक उत्तर दिया है। उनका कहना था कि उन्होंने जो ध्यानाकर्षण किया था, उस पर सरकार ने विचार करने की बात की है तथा वे इस दिशा में कार्रवाई करेंगे। मंदिर-मस्जिद के बीच हो रहे निर्माण पर चला मोहन सरकार का बुलडोजर 'श्रीलंका से हमारे मछुआरे छुड़ाएं, राष्ट्रपति के सामने मुद्दा उठाएं..', विदेश मंत्री जयशंकर को राहुल का पत्र "जय श्री महाकाल", भस्म आरती में शामिल हुए दिलजीत-दोसांझ, बाबा की भक्ति में हुए मगन