हाई कोर्ट ने खारिज की पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत याचिका

रांची: आज यानी गुरूवार को झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जी दरअसल यहाँ सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि, 'इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले सूचक ने अपनी गवाही में कहा है कि साव घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। इस मामले में साव लगभग 3 साल से जेल में बंद हैं। ऐसे में उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।'

क्या था मामला- जी दरअसल, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध किया था। उसी दौरान पुलिस और गाँव के लोगों के बीच झड़प हुई थी। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। यहाँ हुई सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 'इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले सूचक ने अपनी गवाही में कहा है कि योगेंद्र साव घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। साथ ही इस मामले में योगेंद्र साव लगभग तीन साल से जेल में बंद हैं।'

 

वैसे इस मामले के बारे में बीते दिनों जमकर चर्चाएं हुईं थीं और जमानत की सुविधा मिलने के लिए भी कहा जा रहा था हालाँकि अब इन सभी अटकलों पर विराम लग चुका है।

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