नई दिल्ली। अभी तक भारतीय कृषि टैक्स फ्री होती है लेकिन अब भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने अमीर किसानों पर कर लगाने की मांग की है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि भले ही छोटे किसानों पर कर न लगाया जाए मगर बड़े किसानों पर कर जरूर लगाया जाए। इतना ही नहीं इससे भारत की रेटिंग का उन्नयन करने का मसला सामने आता है। जालान ने कहा कि तीन साल में हमने जो हासिल किया है वह ऊंची वृद्धि और निचली मुद्रास्फीति है । उनका कहना था कि भारतीय बैंक सुदृढ़ स्थिति में हैं। कृषि आय पर कर के विवादास्पद मसले को सामने रखते हुए भारतीय हालातों में कृषि व छोटे किसान के महत्व का उल्लेख किए जाने की जरूरत है। जाला का कहना था कि यदि कृषि में बड़े रकबे वालों को अधिक आय होती है तो फिर कर लिया जा सकता है। ऐसे में राजस्व की प्राप्ति ठीक तरह से हो सकेगी और छोटे किसानों को कर मुक्त कर उनकी आर्थिक स्थिति को मैंटेन किया जा सकेगा। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में भी जो प्रशासनिक पेंच हैं और भ्रष्टाचार के लिए रास्ते खुले हैं वे समाप्त किए जाने की जरूरत हैं। किसान बहुउद्देशीय खेती की ओर आगे बढ़ें उमा भारती बोलीं नर्मदा ही एकमात्र ऐसी नदी जिसकी परिक्रमा होती है