गुरुग्राम। फोर्टिस अस्पताल में 7 साल की बच्ची की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था कि एक और बड़ा कारनामा सामने आ गया है। इस बार अस्पताल में पथरी का इलाज कराने आए एक किसान को प्रबंधन ने 36 लाख रुपए का बिल थमा दिया। किसान की शिकायत है कि अस्पताल प्रबंधन ने उसको जमकर लूटते हुए 42 दिनों का 36 लाख बिल थमा दिया। मगर इलाज करवाने के बावजूद किसान आज चलने फिरने में लाचार है। जानकारी के मुताबिक पिछले साल गांव दौलताबाद निवासी भीम सिंह (60) को पथरी के इलाज के लिए पार्क अस्पताल लाया गया। जहां 2 दिन भर्ती रखने के बाद परिजन फोर्टिस अस्पताल ले गए। वहां दाखिल करने के बाद मरीज लकवा ग्रस्त हो गया। साथ ही पथरी का उपचार भी नहीं हो पाया लेकिन अस्पताल ने मरीज के उपचार का बिल 36 लाख रुपए बना दिया। इसके बाद गांव के लोगों ने गुरुवार को सी.एम.ओ. डा. बी.के. राजौरा से मुलाकात की जिसमें कहा कि लाखों बिल लेने के बावजूद पथरी का उपचार नहीं हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले सात साल की आद्या भी डेंगू के चलते द्वारका के सेक्टर 44 स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती हुई थी। जिसके बाद 14 सितंबर को देर रात उसकी मौत हो गई और अस्पताल ने उसके परिवार को 15.76 लाख का बिल थमा दिया था। दुष्कर्मी देवर ने किया भाभी का बलात्कार बच्चों के सामने माँ को चाकुओं से गोदा दहेज़ प्रथा बंद होने पर अपराध भी कम होंगे - नीतीश कुमार