कोरोना काल के बीच ऐसी खबर सामने आ रही है जो की शर्मसार कर देने वाली होती है. हाल ही में एक ऐसी ही खबर सामने आई है. निर्दयी माता-पिता चार घंटे की बच्ची को मरने के लिए बोरे में लपेटकर कचरे में फेंक गए. सूरज की किरणों से आंखें चौंधियाने लगी तो बच्ची बिलखने लगी. वहां से गुजर रही महिलाओं ने उसे देख लिया. बच्ची के शरीर को चींटियां खा रही थीं. शनिवार सुबह एक नवजात बच्ची राऊ थाना क्षेत्र में मिली. वह कचरे के ढेर में बोरे में लिपटी पड़ी हुई थी. राहगीर सविता के अनुसार, जब वह वहां से गुजर रही थी तो बच्ची के रोने की आवाज सुनी. करीब जाकर देखा तो उस मासूम की आंखें सूरज की रोशनी से चौंधिया रही थीं और पूरे शरीर पर चींटियां लिपटी हुई थीं. सविता के अनुसार, पहले वह घबरा गई और सोचा कि किसी को बताया तो पुलिस पीटेगी. लेकिन बच्ची की दशा देख उससे रहा नहीं गया और परिचित के जरिए पुलिस बुलाई. बता दें की टीआइ दिनेश वर्मा के अनुसार, सूचना मिलते ही एफआरवी के सिपाही राजू, पायलट संदीप व एसआइ अनिला पाराशर, मनीष और सिपाही जीतू मौके पर पहुंचे. देखने पर लगा कि बच्ची ने चार-पांच घंटे पहले ही जन्म लिया है. महिलाओं ने उसे नहलाया और साफ कपड़े पहनाए. फिलहाल माता-पिता का पता नहीं चला है. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. रेलवे स्टेशन पर करवाई मजदुर महिला की डिलीवरी, प्रसूता ने बच्ची को दिया डॉक्टर का नाम जबलपुर में 175 हुई संक्रमितों की संख्या, 8 ने गवाई जान अब ऐसे भर सकेंगे बिजली का बिल, कंपनी ने की व्यवस्था