मुंबई : इन दिनों किसानों के मुद्दे पर भाजपा शासित मध्य प्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र में भी बीजेपी सरकार मुश्किल में है. किसान आंदोलन के बीच महाराष्ट्र में 24 घंटे के अंदर चार किसानों ने आत्महत्या कर ली है. ये किसान बढ़ते कर्ज से परेशान थे.इस घटना ने देवेंद्र फडणवीस सरकार की परेशानियां और बढ़ा दी है. गौरतलब है कि एक जून से महाराष्ट्र में कर्जमाफी को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. इन्हीं किसानों में नवनाथ भी शामिल थे. नवनाथ की तीन एकड़ जमीन में उन्होंने अंगूर की बेल लगाई थी. खेती के लिए नवनाथ ने जिला बैंक से तीन लाख और परिवार के गहने गिरवी रखकर एक लाख का कर्जा और लिया था. लेकिन नवनाथ पिछले दो साल में खेती का खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे थे. ऐसे में आंदोलन से भी कुछ नतीजा निकलता न देख नवनाथ ने जिंदगी की बजाए मौत को गले लगा लिया. कुछ ऐसा ही हाल बाकी तीन किसानों का भी था . कर्ज से घबराए नांदेड़ के परमेश्वर (40), सतारा के सुरेश शंकर (38) ने आत्महत्या की. वहीं, वर्धा के बलीराम इंगले (56) ने तो पुलिस स्टेशन में फांसी लगाकर जान दे दी. आपको यह जानकर अचरज होगा कि देश में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ के किसान सबसे ज्यादाआत्महत्या करते हैं. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार . देश में जितने भी किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. उनमें से 45 फीसदी किसान महाराष्ट्र से हैं. पिछले दो दशक में सबसे ज्यादा 64 हजार किसानों ने महाराष्ट्र में ही आत्महत्या की है. जो चिंताजनक है. यह भी देखें CM फडणवीस ने की कर्ज माफ़ी की घोषणा, कहा राज्य के इतिहास की होगी सबसे बड़ी किसान कर्ज माफी महाराष्ट्र किसान आंदोलन हिंसक हुआ , सुरक्षा के साये में रवाना हुए दूध टैंकर