दक्षिण एशियाई साहित्य पुरस्कार की दौड़ में शामिल हुए चार भारतीय लेखक

लंदन. पिछले कुछ सालों में देश के कई प्रतिभाशाली लोगों ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया है और खासकर से जब बात लेखन की हो तो देश में शुरुआत से ही बहुत बड़े-बड़े विद्वान् लेखक हुए है. ऐसे ही देश के चार अन्य लेखक भी अपनी लेखनी के दम पर दुनिया के सबसे सम्मानीय लेखनीय पुरुस्कारों में से एक दक्षिण एशियाई साहित्य पुरस्कार की अंतिम दौड़ में शामिल हो गए है.

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देश की एक प्रतिष्ठित मीडिया एजेंसी ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश कर के इस खबर की जानकारी दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक चार भारतीय नागरिक दक्षिण एशियाई साहित्य पुरस्कार डीएससी-2018 की अंतिम दौड़ में शामिल हो गए है. इस दौड़ में भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के भी दो लेखक शामिल हुए है. आपको बता दें कि इस पुरुष्कार के लिए अंतिम सूची में शामिल हुए इन लोगों के नामों का एलान आज (गुरुवार) को इंग्लैंड के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में  साउथ एशियन लिटरेचर प्राइज एंड इवेंट ट्रस्ट (एसएएलपीइटी) द्वारा किया गया है. 

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इस पुरष्कार से सम्मानित होने वाले विजेताओं के नामों की घोषणा अगले साल 22 जनवरी को वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता में लोलकाता साहित्य मीट के दौरान की जाएगी. इसमें मुख्य विजेता को 25 हजार डॉलर याने करीब 18 लाख रुपये की रही बतौर इनाम दी जाएगी. 

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