नई दिल्ली : जब से दिल्ली में आप पार्टी के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित किया है ,इसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ने लगा है. अब खबर है कि हरियाणा के बीजेपी के चार विधायकों पर भी ऐसा ही खतरा मंडराने लगा है .यहां के एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने इन चार विधायकों के लाभ के पद के तहत इनकी भी सदस्यता रद्द करने की मांग की है. इस बारे में एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी का कहना है कि दिल्ली के विधायकों की तरह इन्होने भी लाभ का पद हासिल किया है .गत वर्ष खट्टर सरकार ने श्याम सिंह राणा ,कमल गुप्ता,बख्शीश सिंह विर्क और सीमा त्रिखा इन चारों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था.जिसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने अमान्य कर दिया था. इसे लेकर वे राज्यपाल और चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख रहे हैं .जिसमें मांग की जाएगी की इनकी सदस्यता रद्द की जाए क्योंकि इन्होंने मंत्री समान सुविधाएं ली. आपको बता दें कि हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे के मुताबिक एक विधायक की तुलना में इन चारो विधायकों को ज्यादा वेतन और भत्ते दिए गए .इसलिए यह मामला भी पुख्ता है .स्मरण रहे कि 2016 संसदीय सचिव बनाए गए 16 विधायकों को भी एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी की याचिका पर ही अमान्य घोषित किया गया था. इसलिए इन चारों की विधायकी भी खतरे में पड़ गई है. यह भी देखें एक किताब ने किया 'आप' का हाल बेहाल प्रशांत पटेल बने आप की परेशानी का सबब