महामारी कोरोना वायरस की प्रभावी दवा खोजने में पूरा विश्व लगा हुआ है. लेकिन अभी तक वायरस की दवा नहीं मिल पाई है. वही, मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफिलैक्सिस (HCQ) की चार या अधिक खुराक के सेवन से स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित होने का खतरा कम हो सकता है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन में खुलासा हुआ है. क्या कोरोना संकट का फायदा उठाकर भारत से युद्ध करना चाहता है चीन ? आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस के रोगियों का उपचार कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के वायरस से संक्रमित होने का खतरा बहुत अधिक होता है. इसलिए भारत के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान निकाय द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन में स्वास्थ्यकर्मियों कोरोना संक्रमण के खतरे में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के छह या ज्यादा खुराक के सेवन से महत्वपूर्ण कमी का पता चला. 30 दिनों तक राज्यों के हाथ में होगी लॉकडाउन 5 की चाबी, आज से शुरू होंगे नए नियम संक्रमण के इस दौर में देश में स्वास्थ्यकर्मियों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के जोखिम और सुरक्षात्मक कारकों की तुलना करने के लिए, आइसीएमआर के शोधकर्ताओं ने एक केस-कंट्रोल जांच की. अध्ययन के निष्कर्ष इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नवीनतम अंक में प्रकाशित हुए हैं. वही, अध्ययन में प्रतिभागियों (स्वास्थ्यकर्मियों ) के दो समूहों में की गई- (i) कोरोना पॉजिटिव केस, (ii) कोरोना नेगेटिव केस. आइसीएमआर द्वारा बनाए गए देशव्यापी COVID-19 टेस्ट डेटा पोर्टल से उन्हें रेंडमली चुना गया था. एक 20 संक्षिप्त सवालों की प्रश्नावली तैयार की गई. इससे कार्य के स्थान, पीपीइ के उपयोग और उपयोग की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की. कम से कम 624 संक्रमित और 549 गैर-संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क किया गया. इनमें सें 378 संक्रमित और 373 गैर-संक्रमित विश्लेषण के लिए उपलब्ध थे. भूपेश बघेल कैबिनेट में देखने को मिल सकते है फेरबदल, बाहर हो सकते है मंत्री पाक उच्‍चायोग की मुश्किलें बढ़ी, दो अफसरों पर लगे जासूसी के आरोप नक्सली और आतंकवादियों से लगातार लोहा ले रही CRPF, जल्द मिलेगा सुरक्षाकवच