चार साल बाद भी ओवर ब्रिज का निर्माण अधूरा

भुवनेश्वर : पांच साल पहले शुरू किया गया बमीखाल ओवर ब्रिज का निर्माण का कार्य अभी भी अधूरा होना संबंधित एजेंसी की लापरवाही को दर्शाता है , जबकि काली सूची में नाम डाले जाने के बाद भी उसी ठेकेदार से काम करवाया जाना नियमों का सीधा -सीधा उल्लंघन का मामला है.हालाँकि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

बता दें कि बमीखाल ओवरब्रिज निर्माण का काम पंडा इंफ्रा लिमिटेड ठेका संस्था ने वर्ष 2012 में शुरू किया था. इस प्रोजेक्ट को 2014 तक खत्म करना था, लेकिन नहीं हुआ तो दिसम्बर 2017 तक कार्य की अवधि बढ़ाई गई.लेकिन 10 सितम्बर 2017 को ओवरब्रिज की छत गिर गई , जिसके नीचे दबकर एक व्यक्ति की मौत हो गई.इस पर सरकार ने  विभाग के दो इंजीनियर को निलंबित कर 12 सितम्बर को पंडा इंफ्रा के मुखिया प्रताप पंडा एवं प्रोजेक्ट मैनेजर विपुल चक्रवर्ती तथा असिस्टेंट इंजीनियर किशोर राउत को जेल भेज दिया गया.

उल्लेखनीय है कि 10 नवम्बर 2017 को घटना की जो जांच रिपोर्ट सामने आई उसके अनुसार एसओपी का पालन न होने पर कार्यपालन यंत्री दुखबंधु बेहेरा, इंजीनियर बंशीधर प्रहराज एवं असिस्टेंट इंजीनियर किशोर कुमार राउत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. पंडा इंफ्रा प्रोजेक्ट इंडिया को काली सूची में डाल दिया गया. इस संस्था को काली सूची में डालने के बाद भी पुन: ब्रिज निर्माण का कार्य इसी संस्था ने शुरू कर दिया. इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

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