पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों 'इस्लामिक आतंकवाद' संबंधी बयान देने के बाद से ही दुनियाभर के मुस्लिम देशों के निशाने पर हैं। कई जगह उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। मैक्रॉन ने हाल ही तीखे तेवर दिखाते हुए एक साक्षात्कार में कट्टरपंथियों को लेकर कहा था- ये सब हमारे देश में नहीं चलेगा। अब मैक्रॉन ने अपने ट्वीटर पर एक लैटर पोस्ट किया है, जो उन्होंने एक मीडिया के उनके बयान को गलत तरीके से पेश किए जाने के बाद लिखा गया है। मैक्रों ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि, एक राष्ट्राध्यक्ष के शब्दों को विकृत करके हमें अज्ञान का पोषण नहीं करना चाहिए। हम सिर्फ अच्छी तरह से जानते हैं कि नेतृत्व कहां हो सकता है। मैक्रॉन ने ट्वीटर पर पोस्ट किए लैटर में कहा कि, मैंने कभी भी 'इस्लामिक सेपरेटिज्म' यानी इस्लामी अलगाववादी शब्द का प्रयोग नहीं किया। मैंने इस्लामिस्ट सेपरेटिज्म, जो आतंकियों को वैधता प्रदान करता है, उनके संबंध में कहा था, जो फ्रांस की वास्तविकता है। मैक्रों ने आगे कहा कि, मैं अपने देश के समक्ष चुनौतियों और परिस्थिति से वाकिफ कराना चाहता हूं... उन्होंने आगे कहा कि, पांच वर्ष में फ्रांस ने 'इस्लाम के नाम पर' कई आतंकी हमले झेले हैं। इनमें 263 लोगों की मौत हुई है। जिसमें टीचर, पुलिस अधिकारी, सोल्जर्स, जर्नलिस्ट, कार्टूनिस्ट और आम नागरिक शामिल हैं। हाल ही में मैगज़ीन 'चार्ली हेब्दो' के पुराने दफ्तर पर फिर से हमला हुआ। एक स्कूल में हिस्ट्री टीचर सेमुअल पैटी की निर्मम हत्या कर दी गई। नीस शहर में चर्च में दो महिलाओं और एक आदमी का क़त्ल कर दिया गया। Let us not nurture ignorance by distorting the words of a head of state. We know only too well where that can lead.https://t.co/nRlp1nHTQn — Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) November 4, 2020 यूरोप में कोरोना का कहर जारी, इस देश में आज से लगा एक महीने का लॉकडाउन नार्थ कोरिया ने सार्वजनिक स्थानों पर लगाया धूम्रपान पर प्रतिबंध सैन्य लड़ाकों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का प्रस्ताव: बिपिन रावत