पेरिस: फ्रांसीसी सेना में सेवारत सैनिकों के एक समूह ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को खुला खत लिखकर देश की सुरक्षा के संबंध में आगाह किया है। Valeurs Actuelles नाम की मैग्जीन में प्रकाशित इस पत्र के अनुसार, राष्ट्रपति मैक्रों से कहा गया कि इस्लाम को दी गई उनकी रियायतों की वजह से आज फ्रांस खतरे में है। खुले खत में चेतावनी दी गई है कि हिंसा, इस्लाम और संस्थानों के प्रति घृणा की वजह से फ्रांस का पतन अनिवार्य रूप से गृहयुद्ध की वजह बनेगा और सेना को हस्तक्षेप करने के लिए विवश करेगा। बता दें कि पिछले महीने भी एक ऐसा ही पत्र इसी मैग्जीन में प्रकाशित हुआ था। उसमें भी नागरिक संघर्ष (गृह युद्ध) को लेकर राष्ट्रपति को चेताया गया था। उस पत्र को लिखने वाले कुछ अधिकारी और 20 सेमी रिटायर्ड जनरल थे। फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि हालिया पत्र लिखने वाले कौन हैं और आर्मी में किन पदों पर हैं। खुले पत्र में कहा गया है कि, “हम आपके जनादेश को बढ़ाने या दूसरों पर जीत दर्ज करने की बात नहीं कर रहे हैं। हम अपने देश के अस्तित्व की बात कर रहे हैं।” इस खत को लिखने वालों ने अपने आप को मिलिट्री की युवा पीढ़ी का सैनिक कहा है। इसके अनुसार, इस्लामी कट्टरपंथ को खत्म करने के लिए उन्होंने अपनी जानें दी है। किन्तु राष्ट्रपति ने उसे देश में पनपने के लिए छूट दे दी। पत्र में सैनिकों ने बताया कि वर्ष 2015 में हमले के बाद हुए सिक्योरिटी ऑपरेशन का वे हिस्सा रहे हैं। इस दौरान उन्हें कुछ मजहबी समुदायों को देखकर पता चला कि फ्रांस उनके लिए एक मजाक या फिर घृणा से अलावा कुछ भी नहीं है। पत्र में कहा गया कि, “यदि गृहयुद्ध छिड़ जाता है तो सेना अपनी धरती पर व्यवस्था बनाए रखेगी।” IRDAI द्वारा एसबीआई जनरल इंश्योरेंस पर 30 लाख का जुर्माना लगाने के बाद एसबीआई स्टॉक ट्रेड में आई कमी लगातार बढ़ते जा रही है पेट्रोल-डीजल की कीमतें, कई शहरों में 100 के पार हुआ दाम इंटरग्लोब एविएशन का बड़ा फैसला, निवेशकों को शेयर बेचकर जुटाएंगे 3,000 करोड़ रुपये