जेनेवा: विश्वभर में मुश्लिम महिलाओं के बुर्के पहनने को लेकर पाबंदी लगाने की बात हो रही है, हाल मेें फ्रांस में भी बुर्के पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया गया था जिस पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के पर पाबंदी लगाने का फ्रांस का फैसला मानवाधिकार का उल्लंघन था वहीं समिति ने फ्रांस को अपने कानून की समीक्षा करने का भी आदेश दिया है। मानहानि के आरोप में बांग्लादेशी अखबार के संपादक हुए गिरफ्तार जानकारी के अनुसार बता दें कि फ्रांस ने 2010 में यह कानून बनाया था जिसके तहत कोई भी सार्वजनिक स्थानों पर अपना चेहरा नहीं ढक सकता है। फ्रांस द्वारा बनाए गए इस कानून को तोड़ने पर 2012 में दो महिलाओं को सजा दी गई थी जिस पर दोनों ने शिकायत की थी वहीं समिति द्वारा अब ये निर्णय सुनाया गया है और इसके साथ ही फ्रांस को उन्हें मुआवजा देने का भी आदेश भी दिया है। जमाल खशोगी: तुर्की के राष्ट्रपति का बड़ा बयान, कहा सऊदी अधिकारीयों ने रचा था हत्या का प्लान फ्रांस द्वारा बनाए गए इस कानून पर समिति ने कहा है कि फ्रांस इस कानून के संबंध में अपने पक्ष को मजबूती से रखने में विफल रहा है इसके अलावा फ्रांस सरकार को इस संबंध में उठाए गए कदमों की रिपोर्ट 180 दिन में सौंपने के लिए कहा गया है। मानवाधिकार समिति ने अध्यक्ष युवल शानी के अनुसार सुरक्षा और समाज में समान रूप से रहने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मुंह नहीं ढकने के फ्रांस सरकार के तर्क से समिति सहमत नहीं है। खबरें और भी खशोगी की मौत एक साजिश, हम योजना की तह तक जायेंगे : डोनाल्ड ट्रम्प पाकिस्तान सिंधु जल संधि पर भारत के खिलाफ ओबामा का ट्रम्प पर आरोप- लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़का रही ट्रम्प की पार्टी