भोपाल: मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत स्कीम में फर्जीवाड़ा सामने आया है, कई चिकित्सालयों ने फर्जी बिल बनाए है। इन मामलों के सामने आने पर सीएम शिवराज सिंह चौहान के तेवर सख्त हो गए है। प्रदेश में आयुष्मान भारत स्कीम की सच्चाई जानने के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स का निरीक्षण अभियान चला तथा जो सच्चाई सामने आई है, वह गड़बड़ियों का खुलासा करने वाली है। आधिकारिक रूप से माना गया है कि तहकीकात में पाया गया कि कुछ चिकित्सालयों द्वारा फर्जी मरीजों को भर्ती कर फर्जी दस्तावेज पोर्टल पर समिट किए गए। इन मामलों में प्रकरण भी दर्ज कराए गए है। कहा जा रहा है कि आयुष्मान भारत स्कीम में प्रदेश में अभी तक 12 जिलों में प्रकरणों का परीक्षण कर संदिग्ध 84 अस्पताल की सूक्ष्म जांच एवं ऑडिट कराया गया है, जिसकी प्रारंभिक जांच में 27 चिकित्सालयों में गड़बड़ी सामने आई है। आयुष्मान भारत स्कीम की समीक्षा करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आयुष्मान भारत स्कीम में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा। स्कीम में बेहतर कार्य करें, जिससे रोगियों को इलाज कराने में कोई असुविधा नहीं हो। सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि आयुष्मान भारत स्कीम में फर्जीवाड़ा असहनीय है। स्कीम में घोटाला नहीं चलने देंगे। यह मरीजों एवं सरकार के साथ धोखा है। घोटाला करने वालों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अन्य गतिविधियों की तहकीकात भी करें। प्राइवेट हॉस्पिटल्स की स्वास्थ्य विभाग द्वारा दल बनाकर जांच कराई जाए। संदिग्ध पाये गए चिकित्सालयों में सीएम स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जाएगी। कॉल सेंटर सक्रीय रहें। रोगियों से पूछताछ करें कि वे भर्ती हैं या नहीं। राज्य के 27 अस्पताल में कमियाँ सामने आई हैं, जिन पर सख्त कार्यवाही करें तथा आगे ऐसा न हो। 'जल्द होगी भर्तियां, तैयारी करें युवा..', अग्निपथ के विरोध के बीच राजनाथ सिंह का ऐलान आखिर क्या थी 'सुरजेवाला' की गलती ? कांग्रेस ने छीन लिया ये पद कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा अस्सु नेमा ने नामांकन पत्र किया दाखिल