बीते दिनो मुंबई के एक बिजनसमैन को ठगों ने 29.52 लाख रुपये की चपत लगा दी है. मुंबई के गोरेगांव के रहने वाले 62 वर्षीय किशोर नागड़ा को उनके बैंक अकाउंट से लिंक्ड मोबाइल नंबर के कारण ठगों का शिकार होना पड़ा. ठगों ने उनके अकाउंट से पैसे निकालने के लिए पहले उनके सिम को ब्लॉक किया और उसके बाद फोन का कंट्रोल अपने हाथ में लेकर आसानी से ट्रांजैक्शन को पूरा किया. टेक्निकल भाषा में इसे सिम स्वैप कहा जाता है. आजकल इस तरह की घटनाएं अक्सर सुनने में आ जाती हैं. आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जिन्हें जानने के बाद काफी हद तक सेफ आप ऐसी ठगी से खुद को रख पाएंगे. भारत में LG पेश करेगा सबसे सस्ता ट्रिपल कैमरे वाला स्मार्टफोन मिस्ड कॉल करके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेना, सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन भारत में ऐसे स्कैम हो रहे हैं. इन्हें ही SIM स्वैप फ्रॉड कहा जाता है.SIM स्वैप का सीधा मतलब आपके मौजूदा सिम कार्ड की जगह डुप्लीकेट सिम का इस्तेमाल है. हैकर्स और साइबर क्रिमिनल ड्यूप्लिकेट सिम के जरिए लोगों को चपत लगाते हैं. PUBG Lite : इन स्टेप्स से करें प्री-रजिस्टर, जीत सकते है ईनाम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रत्येक SIM कार्ड में 20 अंक का सिम नंबर होता है. यह सिम कार्ड के पीछे दिया रहता है. फ्रॉड के मामलों में हैकर्स आपसे यही 20 अंक का यूनीक नंबर जानने की कोशिश करते हैं या उसे पहले ही हैक कर चुके होते हैं. ऐसे में कभी 20 अंक का यूनीक सिम नंबर किसी को न बताएं.क्रिमिनल्स के पास पहले से अपने शिकार का यूनीक सिम नंबर रहता है. क्रिमिनल्स आमतौर पर रात में SIM स्वैप की प्रक्रिया शुरू की ताकि कोई उनका पता न लगा सके. गूगल मैप्स आपको डाल सकता है मुश्किल में, ये है कारण Samsung Galaxy A90 होगा फास्ट चार्जिग सपोर्ट से लैस, जानिए अन्य खासियत TRAI के नए नियम से यूजर को हो रहा फायदा, पढ़े रिपोर्ट