लंदन: यहाँ पर वैज्ञानिकों ने ख़ोज कर लगभग 80 जीनों की तलाश की है जो अवसाद से जुड़े हो सकते है. ये जीन यह समझाने में मदद कर सकते है कि क्यों कुछ लोग इस हालत के विकसित करने के जोखिम वाले उच्च स्तर पर होते है. ब्रिटेन में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किये गये इस अध्ययन से मानसिक बीमारियों से निपटने के लिए दवाओं को विकसित करने में मदद मिल सकती है. एक पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक विश्वभर में दिव्यांगता का प्रमुख कारण अवसाद है. मानसिक आघात या तनाव जैसी जीवन की घटनाएं अवसाद की शुरूआत का कारण साबित हो सकती है , लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य लोगों की तुलना में कुछ लोगों में इस तरह की हालत क्यों विकसित हो सकती है. वैज्ञानिकों ने यूके बायोबैंक के आंकड़ों का विश्लेषण किया. यूको बायोबैंक एक शोध स्रोत है जिसमें पांच लाख लोगों के लिए स्वास्थ्य और आनुवंशिक जानकारी शामिल थी. उन्होंने डीएनए के भागों की पहचान करने के लिए तीन लाख लोगों के आनुवंशिक कोड को स्कैन किया था जो कि अवसाद से जुड़े हो सकते है. एक प्रोफेसर एंड्रयू मैकइनटोश ने कहा ,‘‘ अवसाद एक आम समस्या है और अक्सर यह एक गंभीर स्थिति है जो विश्वभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. ’’ उन्होंने कहा,‘‘ इन नए निष्कर्षों से हमें अवसाद के कारणों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है.’’ अमेरिका की सीरिया पर दागी गई टॉम हॉक मिसाइल की खूबियां 2 लाख में नीलाम आया की डायरी लाश को दफ़नाने या जलाने के फैसले में लगे चार साल