भारत के अलावा दुनिया के 188 देश कोरोना वायरस की चपेट में आ गए है. लेकिन चीन ने वायरस पर बहुत हद तक काबू पा लिया है. इस किलर वायरस से अब तक 13 हजार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्‍वभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस महामारी का कोई इलाज नहीं तलाश पाए हैं. इस बीच फ्रांस के एक शोधकर्ता ने दावा किया है कि उसने कोविड-19 को मात देने वाली दवा का पता लगा लिया है. क्या जनता कर्फ्यू के दिन कम होगा संक्रमण? देश में कोरोना के कुल मामले हुए 327 इस घातक वायरस को लेकर शोधकर्ता प्रोफेसर दीदिअस रॉवोल्‍ट ने दावा किया है कि इस नए तरीके से ईलाज के बाद यह मात्र 6 दिन के अंदर वायरस के प्रसार को रोक देता है. उन्‍होंने इसी सप्‍ताह किए अपने शोध का एक व‍िड‍ियो भी जारी किया है. प्रोफेसर रॉवोल्‍ट को फ्रांस सरकार ने कोरोना का इलाज तलाशने के लिए नामित किया है. प्रोफेसर ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों को अगर क्‍लोरोक्विन दिया जा रहा है तो उनके ठीक होने की प्रक्रिया बहुत तेज हो जा रही है. इसके तेजी से हो रहे प्रसार में भी काफी कमी आ रही है. इस अनमोल तरल के बिना कोई देश नही कर सकता कोरोना वायरस का मुकाबला आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वर्ष 1940 के दशक से क्‍लोरोक्विन दवा का इस्‍तेमाल आमतौर पर मलेरिया के इलाज में किया जा रहा है. प्रफेसर रॉवोल्‍ट ने दक्षिणपूर्व फ्रांस के करीब 24 मरीजों को यह दवा दी. इन सभी लोगों ने स्‍वेच्‍छा से यह दवा ली. मरीजों को 10 दिनों तक 600 एमसीजी की क्‍लोरोक्विन दवा दी गई. उनकी व्‍यापक निगरानी की गई क्‍योंकि इससे साइड इफेक्‍ट का खतरा था.प्रोफेसर रॉवोल्‍ट ने कहा, 'हम यह पता लगाने में सफल रहे कि जिन मरीजों को क्‍लोरोक्विन दवा नहीं दी गई वे 6 दिन बाद भी इस बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन जिन लोगों को क्‍लोरोक्विन दवा दी गई उनमें केवल 25 प्रतिशत लोग ही अब बीमारी से पीड़‍ित हैं. इससे पहले चीन में भी क्‍लोरोक्विन फॉस्‍फेट और हाइड्रोक्‍लोरोक्विन दवा दी गई थी. इसके अलावा एचआईवी की दवा कलेक्‍ट्रा का भी कोरोना के इलाज में इस्‍तेमाल किया जा रहा है. कोरोना पीड़ित की संख्या 333 पहुंची, जनता कर्फ्यू आज सुबह 7 बजे से शुरू आखिर क्यों कोरोना वायरस का बाल भी बांका नही कर सकती भीषण गर्म ? भारत में कोरोना वायरस कभी भी ले सकता है भीषण स्वरूप, एक्सपर्ट ने बोली ये बात