दोस्ती चेहरे की मीठी मुस्कान होती है, दोस्ती सुख दुःख की पहचान होती है, रूठ भी जाये हम तो दिल से मत लगाना, क्योंकि दोस्ती थोड़ी सी नादान होती है. कही अँधेरा तो कहीं शाम होगी, मेरी हर ख़ुशी आपके नाम होगी, कुछ माँग कर तो देखो...दोस्त... होंठों पर हँसी और हथेली पर मेरी जान होगी. दर्द था दिल में पर जताया कभी नहीं, आँसू थे आँखो में पर दिखाया कभी नहीं, यही फ़र्क है दोस्ती और प्यार में, इश्क़ ने हँसाया कभी नहीं... और दोस्तों ने रुलाया कभी नहीं. महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है, ग़म छुपाकर मुस्कराना पड़ता है, कभी हम भी थे उनके दोस्त... आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता है. दोस्ती में किसी का इम्तिहान न लेना, निभा न सको वो किसी को वादा न देना, जिसे तुम बिन जीने की आदत न हो, उसे जिन्दगी जीने की दुआ न देना. प्यार का रिश्ता इतना गहरा नहीं होता, दोस्ती के रिश्ते से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता, कहा था इस दोस्ती को प्यार में न बदलो, क्यूंकि प्यार में धोखे के सिवा कुछ नहीं होता. मेरी दोस्ती का हिसाब जो लगाओगे तो मेरी दोस्ती को बेहिसाब पाओगे, पानी के बुलबुलों की तरह है हमारी दोस्ती, अगर जरा सी ठेस पहुँची तो ढूंढ़ते रह जाओगे. खुदा से एक फरियाद वाकी है, प्यार जिन्दा है क्यूंकि एक याद वाकी है, मौत आये तो कह देंगे लौट जाए, क्यूंकि... अभी किसी ख़ास से मुलाकात वाकी है. अहमद फ़राज़ की शायरियाँ इमरान प्रतापगढ़ी की कलम से कोई ला के दे दे मुझे लाल मेरा