लोकतंत्र और संविधान को शर्मसार करने वाले कर्नाटक चुनाव का ड्रामा ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है, बगैर बहुमत के मुख्यमंत्री बनने वाले भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने गुरुवार को सुबह राज्यपाल के सामने मुख्यमंत्री की शपथ ली थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेशनुसार उन्हें आज अपने लिए विधायकों का जरुरी बहुमत दिखाना है. इससे पहले येदियुरप्पा ने बिना विधायकों के बहुमत के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी जिसके बाद आधी रात को कांग्रेस और जेडीएस ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद शुक्रवार सुबह कांग्रेस जेडीएस के द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान चली बहस में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को शाम 4 बजे सदन में येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने का समय दिया है, जिसके बाद तय होगा कि येदियुरप्पा की कुर्सी बची रहेगी या रह जाएंगे सिर्फ एक दिन के मुख्यमंत्री. बता दें, कर्नाटक में हुए 222 सीटों के चुनावों में बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत थी जिसके बाद परिणाम आने के बाद यहाँ पर त्रिशंकु चुनाव की स्थिति बन गई, जिसमें बीजेपी के 104 विधायकों ने जीत दर्ज की, वहीं दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने 78 सीटें हासिल की वहीं जेडीएस ने 38 सीटों पर कब्ज़ा जमाया, जिसके बाद ही कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर लिए और बीजेपी को सत्ता से दूर करने का प्लान बनाया लेकिन फिर भी राज्यपाल की शरण में जाकर बीजेपी ने यहाँ अपने मुख्यमंत्री को बगैर बहुमत के शपथ दिलवा दी. कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी की आपातकालीन बैठक कर्नाटक चुनाव में गिरती संविधान की लाज... मोदी-शाह हिटलर के जीवाश्म, संविधान के प्रति सम्मान नहीं : सिद्धारमैया