नई दिल्ली : पिछली सरकारों के गलत कारनामे जब सामने आते हैं, तो लोग अचरज में पड़ जाते है.ऐसा ही एक मामला तत्कालीन संप्रग सरकार का सामने आया है, जिसमें उसने बोफोर्स घोटाले में भगोड़े इतालवी कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोकी के बैंक खातों से पैसे की निकासी पर रोक नहीं लगाकर गलत तरीके से राहत पहुंचाई थी. यह खुलासा सीबीआई ने किया है. इस बारे में यूके की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने सीबीआई से जो सूचना साझा की है, उसके अनुसार संसद की लोक लेखा समिति को बताया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार चाहती थी, कि क्वॉत्रोकी अपने बैंक खातों से 1 मिलियन डॉलर (करीब 6.5 करोड़ रुपये) और 3 यूरो मिलियन (करीब 23 करोड़ रुपये) निकाल ले. जबकि इस बारे में सीपीएस ने क्वात्रोकी के फंड पर रोक को जारी रखने का सुझाव दिया था,लेकिन इसे तत्कालीन एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भगवान दत्ता ने खारिज कर दिया था. बता दें कि सीपीएस ने सुझाव दिया था कि सीआरपीसी की धारा 82 के तहत ओत्तावियो क्वात्रोकी को अपराधी घोषित कर इसी धारा के तहत उसके जब्त फंड्स पर रोक को जारी रखा जा सकता है. लेकिन दत्ता ने कहा था कि सीपीएस के वकील स्टीफन हेलमन ने सीआरपीसी की जो धारा सुझाई है, उसका सहारा लेने का कोई ठोस आधार नहीं है. यह भी देखें ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया संभालेंगे MP में कांग्रेस की कमान नीतीश कुमार के सहयोगी बनेंगे अशोक चौधरी ?