नाइजर: नाइजीरिया में सरेआम फुलानी मुस्लिम आतंकियों द्वारा स्थानीय समुदाय के खिलाफ जिहाद का ऐलान करने की खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, चरवाहा समुदाय से संबंध रखने वाले फुलानी मुस्लिम आतंकियों ने इनुगु राज्य के स्थानीय समुदायों के खिलाफ युद्ध (जिहाद) का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही आतंकियों ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फुलानी मुस्लिम आतंकियों ने शनिवार (19 नवंबर) और सोमवार (21 नवंबर) को अगु-अमेद समुदाय पर हमला कर दिया था। बुधवार (25 नवंबर) को मिली जानकारी के मुताबिक, इस हमले में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की सूचना थी। हमलावरों ने कई गाँवों को लूट लिया थी और घरों में आग लगा दी थी। इससे पहले इन्होंने 2021 में अगु-अमेद और मग्बुजी समुदायों के 14 से ज्यादा स्थानीय गाँवों में जमकर लूट मचाई थी। इन घटनाओं में कई लोगों की जान चली गई थी और लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों-महिलाओं समेत कई लोगों को इन फुलानी मुस्लिम आतंकियों ने किडनैप कर लिया है। बच्चों का इस्तेमाल ये लोग फिरौती के लिए करते हैं। इनकी तादाद सौ से ज्यादा थी। फुलानी मुस्लिम आतंकियों ने शनिवार (19 नवंबर) और रविवार ( 20 नवंबर) को अगु-अमेद समुदाय के ओहुलु मग्बेडे गाँव में हमला कर दिया था और दो बच्चों समेत 8 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। घटना की पुष्टि करने वाले समुदाय के नेता ओगबू फ्रांसिस ने जानकारी दी है कि, 'हथियारबंद आतंकी मंगलवार (22 नवंबर) सुबह वापस आ गए और फायरिंग की, संपत्तियों को आग लगाई और गाँवों को नष्ट कर दिया। ओगबू के मुताबिक, एक हमला अगु-अमेद समुदाय के ओहुलु मगबेडे नामक गाँव में किया गया और फुलानी मुस्लिमों ने सात लोगों की हत्या कर दी थी, हमने उनके शव बरामद कर लिए हैं।' हमले की पुष्टि करने वाले साइप्रियन एज़ेदेओगा ने बताया है कि फुलानी मुस्लिम आतंकी, मग्बुजी और एबोह शहरों में घुस गए थे। उनके पास मशीनगन और भारी हथियार भी मौजूद थे। उन्होंने आगे कहा कि, 'हमारे पास न तो सेना की सुरक्षा है और न ही पुलिस की। हमें जानकारी मिली है कि आतंकी हमलों में एबोह में 10 और मग्बुजी में 5 लोग मारे गए हैं।' रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों की हत्या गला रेतकर की गई थी, उनके सिर में चाकू के कई निशान थे। एक अन्य समुदाय के नेता ऑगस्टाइन ओडोह ने भी हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि इस्लामी विद्रोहियों ने एहा-अमुफू पर युद्ध का ऐलान किया है। ओडोह ने कहा कि, 'हमारे लोग खाली हाथों से उन आतंकियों का मुकाबला नहीं कर सकते। वे एके-47 राइफलों के साथ आते हैं और घंटों तक फायरिंग करते हैं। सरकार भले कहीं और सैनिक तैनात करेगी, मगर इन चरवाहों और इस्लामी आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए सैनिकों को तैनात नहीं करेगी। यह इस सरकार का पाखंड है।' बता दें कि, नाइजीरिया फ़िलहाल एक सेक्युलर देश है, यानी वहां का कोई राष्ट्रधर्म नहीं है। लेकिन, 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, इस देश में मुस्लिम आबादी 53.5 % हो गई है और शायद इसी कारण नाइजीरिया को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए जिहाद के रूप में कत्लेआम शुरू हो चुका है। इस्लाम के अलावा, नाइजीरिया में 45.9 % क्रिस्चियन आबादी है, जो फिलहाल इस्लामी आतंकियों के निशाने पर है। अगर इतिहास पर गौर करें, तो इसी तरह कई देशों का इस्लामीकरण हो चुका है। अब देखना ये है कि, नाइजीरियन सरकार और संयुक्त राष्ट्र (UN) इन आतंकियों से निपटने के लिए क्या कदम उठाते हैं। दुनिया की सबसे महंगी दवा को मिली मान्यता, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश FIFA वर्ल्ड कप: क़तर में अविवाहित जोड़ों को होटल्स में नहीं मिल रहे कमरे, जानिए कारण ? अनवर इब्राहिम होंगे मलेशिया के नए PM, जानिए भारत के लिए कैसा रहेगा रुख ?