लॉकडाउन और कोरोना प्रसार के बीच आप जो जीवनशैली जी रहे हैं और चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद लाइफस्टाइल में कोई कमी न आए इसके लिए आपको भविष्य की खर्चों की गणना बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखकर करना चाहिए. मसलन, आज आपका महीने का खर्च 10,000 रुपये है और महंगाई दर सालाना पांच फीसद मान कर चलें तो 30 साल बाद आपका मासिक खर्च 40,000 रुपये होगा. ऐसे में आप किसमें और किस तरह से निवेश करेंगे कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जीवनशैली भी ठीक ढंग से चले और रिटायर होने के बाद ब्याज भी मिलता रहे. जानिए कैसे हो रही UPI धोखाधड़ी आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इक्विटी लंबी अवधि में महंगाई को मात देते हुए अन्य एसेट क्लास की तुलना में ज्यादा रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प है. इक्विटी में निवेश का सबसे बेहतर जरिया म्यूचुअल फंड है. रिटायरमेंट प्लान की बात करें तो टाटा म्यूचुअल फंड, यूटीआई म्यूचुअल फंड आदि बेहतर हैं. लेकिन सबसे पहले यह देखना चाहिए मौजूदा लाइफस्टाइल को रिटायरमेंट के बाद बनाए रखने में कितने पैसों की जरूरत होगी, हाल-फिलहाल में आपकी बचत क्या है, आप कितना जोखिम उठा सकते हैं और रिटायरमेंट में कितने साल बचे हैं. ग्राहकों के पास पहुंचने वाला है रिटेल बाजार, जानें कैसे इसके अलावा म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट कोष बनाने का बेहतर जरिया है. ऐसे में इक्विटी म्यूचुअल फंडों के साथ-साथ डेट जैसे पीपीएफ, गोल्ड आदि को लाकर रिटायरमेंट के लिए एक निवेश पोर्टफोलियो बनाया जा सकता है. रिटायरमेंट के लिए अगर 15-20 वर्षों का समय बचा है तो लार्ज एंड मिड कैप फंडों के अलावा मल्टी कैप फंडों को शामिल करना चाहिए. लम्बे समय के लिए ये फंड एक अच्छा कोष बनाने में सहायक साबित होंगे. आर्थिक पैकेज के बाद भी शेयर बाजार में सुधार नहीं, 200 अंक टूटा सेंसेक्स वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जारी किए बाजार मूल्यांकन के आंकड़े जानिए क्या है ईपीएफ में कटौती ?