भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जापान के ओसाका शहर में चल रहे G20 Summit 2019 में कई द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही 5G टेक्नोलॉजी को लेकर भी बात हुई है. पीएम मोदी ने इस द्विपक्षीय वार्ता में भारत में 5G नेटवर्क सिक्युरिटी ट्रायल के लिए चीनी टेक्नोलॉजी कंपनी Huawei के बारे में बात की. अमेरिका नहीं चाहता है कि चीनी कंपनी Huawei अपने किसी भी सहयोगी देश में एंट्री करे. अमेरिका का मानना है कि चीनी कंपनी Huawei के साथ डाटा शेयर करने से उसकी सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से भारत में Xiaomi Redmi 7A जल्द प्रदर्शित होने की संभावना, ये है पूरी जानकारी अमेरिका ने पिछले महीने ही चीनी स्मार्टफोन कंपनी Huawei को किसी भी अमेरिकी कंपनी से तकनीक के आदान-प्रदान पर रोक लगाई है. जिसके बाद एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Google ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड का सिक्युरिटी पैच किसी भी नए लॉन्च होने वाले Huawei के डिवाइस के लिए बैन कर दिया है. हालांकि, Huawei और उसकी सहयोगी कंपनी Honor के पहले लॉन्च हुए स्मार्टफोन्स में एंड्रॉइड का सिक्युरिटी पैच मिलता रहेगा. इस बात की जानकारी Huawei ने इस प्रकरण के बाद दी. साथ ही Huawei ने अपना खुद का ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च करने की बात भी की है. G20 Summit में अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले बताया था कि वो पीएम मोदी से चीनी टेलिकॉम इक्विपमेंट निर्माता कंपनी Huawei के बारे में बात करेंगे. ट्रंप ने कहा कि हम चीनी कंपनी Huawei को टेलिकॉम इक्विपमेंट के कई पार्ट्स सप्लाई करते हैं इसलिए हम भारत के साथ इस बारे में बात करेंगे. अमेरिका भारत में 5G तकनीक के लिए ग्राउंड तैयार करने की कोशिश में है. साथ ही भारत के 'मेक इन इंडिया' आइडिया का भी स्वागत किया है. ये स्मार्टफोन ब्रांड 5G रेस में शामिल, ये है पूरी रिपोर्ट आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस समिट में 5G के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास इस टेक्नोलॉजी के करोड़ों यूजर्स हैं. इस तरह से भारत दुनिया भर में इस टेक्नोलॉजी का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. भारत भी इस तकनीक को दुनिया के साथ ही अपनाने की तैयारी में है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि इसलिए यह अधिक जरूरी है कि किस तरह से 5G टेक्नोलॉजी के लिए भारत और अमेरिका साझेदारी करते हैं. हमारी ताकत इस टेक्नोलॉजी के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करना है और हमारी इच्छा है कि कैसे इस तकनीक को 'मेक इन इंडिया' के तौर पर पेश किया जाए. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के इस आइडिया का स्वागत किया और कहा कि हमें देखना है कि सिलिकॉन वैली (अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों का मुख्य अड्डा) इसके लिए कैसे काम करती है. Galaxy Note 10 Pro की जगह ये स्मार्टफोन हो सकता है लॉन्च ऐपल वॉच में मिलेगी फोटो खीचनें की सुविधा, ये है अन्य फीचर Huawei Y9 की कीमत में बम्पर कटौती, जानिए संभावित कीम