अगहन यानी मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्री कृष्ण का महीना माना जाता है। वहीं पौराणिक शास्त्रों को माने तो इस महीने में गजेन्द्र मोक्ष, विष्णु सहस्त्रनाम तथा भगवद्‍गीता का पाठ पढ़ने की बहुत महिमा है। ऐसे में आज हम लेकर आए हैं गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ जिसे पढ़ने से हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस महीने में इस पाठ को पढ़ लिया जाए तो सभी कर्ज माफ़ हो जाते हैं। गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ- नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। गज और ग्राह लड़त जल भीतर, लड़त-लड़त गज हार्यो। जौ भर सूंड ही जल ऊपर तब हरिनाम पुकार्यो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। शबरी के बेर सुदामा के तन्दुल रुचि-रु‍चि-भोग लगायो। दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। पैठ पाताल काली नाग नाथ्‍यो, फन पर नृत्य करायो। गिर‍ि गोवर्द्धन कर पर धार्यो नन्द का लाल कहायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। असुर बकासुर मार्यो दावानल पान करायो। खम्भ फाड़ हिरनाकुश मार्यो नरसिंह नाम धरायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। अजामिल गज गणिका तारी द्रोपदी चीर बढ़ायो। पय पान करत पूतना मारी कुब्जा रूप बनायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। कौर व पाण्डव युद्ध रचायो कौरव मार हटायो। दुर्योधन का मन घटायो मोहि भरोसा आयो ।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। सब सखियां मिल बन्धन बान्धियो रेशम गांठ बंधायो। छूटे नाहिं राधा का संग, कैसे गोवर्धन उठायो ।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। योगी जाको ध्यान धरत हैं ध्यान से भजि आयो। सूर श्याम तुम्हरे मिलन को यशुदा धेनु चरायो।। नाथ कैसे गज को फन्द छुड़ाओ, यह आचरण माहि आओ। बाइक सवार ने कार वाले पर चलाई गोली, बगल से गुजर रहा बंद वाला हुआ घायल आज है मार्गशीर्ष मास की संकष्टी चतुर्थी, जानिए प्रामाणिक व्रत कथा 'लव जिहाद' के खिलाफ देश में जारी हुआ पहला फतवा, दरगाह आला हजरत ने बताया 'गैर-इस्लामिक'