रंगोली को हिन्दू धर्म के हर त्यौहार में विशेष महत्त्व दिया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि रंगोली के बिना कोई भी त्यौहार अधूरा है. चाहिए दिवाली हो या रक्षाबंधन और या फिर गणेश चतुर्थी ही क्यों ना हो लगभग हर घर में रंगोली तो दिखाई देती ही है. रंगोली ना सिर्फ घर की सुंदरता बढ़ाती हैं बल्कि ये सकारात्मक ऊर्जा का प्रतिक भी मानी जाती है. रंगोली शब्द संस्कृत के रंगावली शब्द से आया है. ये रंग और आवली दो शब्दों से मिलकर तैयार हुआ है. रंग का अर्थ होता है कलर और आवली का अर्थ होता है लकीर. पहले के समय में तो रंगोली बस लकीरो से डिजाइन बनाकर तैयार होती थी लेकिन अब धीरे-धीरे ये अलग-अलग स्टाइल्स में बनने लगी हैं. रंगोली के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम होते हैं. महाराष्ट में इसे रंगोली कहते है, तमिलनाडु में कोलम, छत्तीसगढ़ में छाओकपूर्ण, आंध्र प्रदेश में मुगुलु और बंगाल और असम में अल्पना. इन दिनों तो देशभर में गणेश चतुर्थी की खास तौर से तैयारियां की जा रहीं हैं. बाजारों में गणेश जी के पंडाल सजाने के लिए कई तरह के सामान उपलब्ध हैं लेकिन आप रंगोली बनाकर अपने घर और पंडाल की खूबसूरती को और निखार सकते हैं. हम आपके लिए आज भगवान गणेश की कुछ खास रंगोली की डिजाइंस लेकर आए हैं. यह है घर पर गणपति की स्थापना और पूजन का सही तरीका इस तरह घर पर ही तैयार करे गणेश जी के लिए मोदक वास्तु के अनुसार मुख्य दरवाजे पर इस तरह विराजमान करे गणेशजी की मूर्ति