इस वर्ष 13 सितम्बर से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रहीं है. गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 दिवसीय होता है और इसके लिए देशभर में तैयारियां शुरू हो गई हैं. भगवान गणेश बुद्धि, ज्ञान और विघ्नविनाशक के रूप में पूजे जाते हैं. किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा होती है. गणेश जी के स्वागत के लिए हर कोई जोरों-शोरों से तैयारियां कर रहा है. वैसे तो उन्हें आमतौर पर उन्हें गणेश नाम से ही जाना जाता है लेकिन भगवान गणेश के कई सारे नाम है. कभी इन्हे विघ्नहर्ता कहा जाता है तो कभी देवा और कभी गणपति बाप्पा... आज हम आपको भगवान गणेश के पूरे 108 नाम उनके अर्थ के साथ बता रहे हैं. बालगणपति : सबसे प्रिय बालक गौरीसुत : माता गौरी के पुत्र लम्बकर्ण : बड़े कान वाले लम्बोदर : बड़े पेट वाले महाबल : बलशाली महागणपति : देवो के देव महेश्वर : ब्रह्मांड के भगवान मंगलमूर्त्ति : शुभ कार्य के देव मूषकवाहन : जिसका सारथी चूहा निदीश्वरम : धन और निधि के दाता प्रथमेश्वर : सब के बीच प्रथम आने वाले शूपकर्ण : बड़े कान वाले शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु सिद्धिदाता : इच्छाओं और अवसरों के स्वामी सिद्दिविनायक : सफलता के स्वामी सुरेश्वरम : देवों के देव वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो मनोमय : दिल जीतने वाले मृत्युंजय : मौत को हरने वाले मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता नादप्रतिष्ठित : जिसे संगीत से प्यार हो नमस्थेतु : सभी बुराइयों और पापों पर विजय प्राप्त करने वाले नन्दन : भगवान शिव का बेटा सिद्धांथ : सफलता और उपलब्धियों की गुरु पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाला प्रमोद : आनंद पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व रक्त : लाल रंग के शरीर वाला रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहीते सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाला ओमकार : ओम के आकार वाला शशिवर्णम : जिसका रंग चंद्रमा को भाता हो बद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाला 'एकाक्षर : एकल अक्षर एकदन्त : एक दांत वाले गजकर्ण : हाथी की तरह आंखें वाला गजानन : हाथी के मुख वाले भगवान गजवक्र : हाथी की सूंड वाला गजवक्त्र : जिसका हाथी की तरह मुँह है गणाध्यक्ष : सभी गणों के मालिक गणपति : सभी गणों के मालिक गौरीसुत : माता गौरी के पुत्र दूर्जा : अपराजित देव द्वैमातुर : दो माताओं वाले एकदंष्ट्र : एक दांत वाले ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे गदाधर : जिसका हथियार गदा है गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता गुणिन : जो सभी गुणों के ज्ञानी हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाला हेरम्ब : माँ का प्रिय पुत्र कपिल : पीले भूरे रंग वाला कवीश : कवियों के स्वामी कीर्त्ति : यश के स्वामी कृपाकर : कृपा करने वाले कृष्णपिंगाश : पीली भूरि आंख वाले क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला क्षिप्रा : आराधना के योग्य शुभगुणकानन : जो सभी गुण के गुरु हैं श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध है सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई सुमुख : शुभ मुख वाले स्वरुप : सौंदर्य के प्रेमीतरुण : जिसकी कोई आयु न हो उद्दण्ड : शरारती उमापुत्र : पार्वती के बेटे वरगणपति : अवसरों के स्वामी वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता वरदविनायक : सफलता के स्वामी वीरगणपति : वीर प्रभु विद्यावारिधि : बुद्धि की देव विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले विघ्नहर्त्ता : बुद्धि की देव विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान विघ्नविनाशाय : सभी बाधाओं का नाश करने वाला विघ्नेश्वर : सभी बाधाओं के हरने वाले भगवान विकट : अत्यंत विशाल विनायक : सब का भगवान विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु विश्वराजा : संसार के स्वामी यज्ञकाय : सभी पवित्र और बलि को स्वीकार करने वाला यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव योगाधिप : ध्यान के प्रभु भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाला एकाक्षर : एकल अक्षर एकदन्त : एक दांत वाले गजकर्ण : हाथी की तरह आंखें वाला गजानन : हाथी के मुख वाले भगवान गजवक्र : हाथी की सूंड वाला गजवक्त्र : जिसका हाथी की तरह मुँह है गणाध्यक्ष : सभी गणों के मालिक गणपति : सभी गणों के मालिक गौरीसुत : माता गौरी के पुत्र किस्मत के सितारे बदलने के लिए राशि के अनुसार करें गणेश पूजा इन चीजों के बगैर अधूरी मानती जाती है गणेश पूजा सुख समृद्धि चाहते हैं गणेश चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का उच्चारण