13 सितंबर से सभी जगहों पर गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाने वाला है. यह त्यौहार सभी के घरों में खुशियां लेकर आएगा इसी उम्मीद से सभी अपने घर पर गणपति जी को लाने की तैयारियां कर रहे हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं गणपति स्थापना का सही तरीका और पूजा की सही विधि.. सपने में अगर आ जाये यमराज तो ये होता है अर्थ गणेश चतुर्थी के दिन अपने घर में सबसे पहले नई गणपति की प्रतिमा को लेकर आइए और अगर आप नई प्रतिमा नहीं लाना चाहते हैं तो पूजा स्वरूप एक साबुत सुपारी लेकर अपने घर में स्थापित कर सकते हैं. इसके बाद जहाँ पर आप गणेश जी को बैठाने वाले हैं वहां पर साफ़ सफाई कीजिए और एक साफ़ चौकी पर लाल कपडा बिछा दीजिए. कपडे पर अक्षत रखकर उस पर गणेश जी बैठा दीजिए. इसके बाद गणपति जी को दूर्वा और पान के पत्ते से गंगाजल से नहला दीजिए. नहलाने के बाद उन्हें पीले वस्त्र अर्पित कीजिए और उसके बाद उन्हें मौली भी अर्पित कर दीजिए. इसके बाद उन्हें रोली से टिका लगाकर अक्षत, फूल चढ़ा दीजिए. इसके बाद उन्हें भोग में मोदक चढ़ाए और भजन कीर्तन करें. सामान की सही जगह - चौकी के पास तांबे या चांदी के अलष में जल भरकर रख दें. आपको बता दें कि कलश को गणपति के दाहिने ओर रखा जाए तो उचित होगा. कलश के नीचे अक्षत या चावल रखे, उसके बाद उसपर मौली बांधे. गणपति जी के बाईं ओर दीपक को जला दें और दीपक के नीचे भी चावल रखे. पूजा का कोई एक समय निर्धारित कर ले और उसी वक्त पूजा करें. ऐसे करें गणेश जी की पूजा, बदल जाएगी आपकी किस्मत संकल्प करें - गणपति को बैठाने से पहले संकल्प करें कि आप उन्हें कितने दिन तक अपने घर में रखेंगे और उनकी पूजा विधि-विधान से करें. बाद में ॐ गणेशाय नमः का जाप करते हुए उनकी पूजा करें और उनके साथ उनकी पत्नियों को भी घर में आह्वान कर बुला लीजिए. घर में शुभ-लाभ की वृद्धि चाहिए और आपको अपने घर में समृद्धि की भी कामना है तो गणपति को प्रतिदिन 5 दूर्वा अर्पित करें और साथ ही पांच हरी इलायची और 5 कमलगट्टे भी उनके पास एक कटोरी में रखे. पूजा खत्म होने के बाद कमलगट्टे को लाल कपडे में बांधकर वहीं रख दें और इलायची को प्रसाद समझकर सेवन करें. गणेश चतुर्थी विशेष: गणेश जी के कुछ प्रसिद्ध मंदिर बस रखें इन 5 बातों का ध्यान, हर विघ्न हरेंगे विघ्नहर्ता 'गणेश उत्सव' की तैयारियों में जुटी 'संजू' एक्ट्रेस