हर साल आने वाले गणेश चतुर्थी इस साल 22 अगस्त से शुरू होने वाली है. ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे इस दिन गणेश जी का पूजन किया जाता है. ऐसे में आप इस बात से भी वाकिफ ही होंगे कि भगवान शिव ने गणेश जी को आशीर्वाद दिया था कि जब पूजा होगी तो सबसे पहले आपका ही स्मरण होगा, इसलिये ही उन्हें प्रथम पूज्य कहा जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं गजानन महाराज के 108 नामों की गणेश नामावली, इसका पाठ सभी को करना चाहिए. जी दरअसल इसका पाठ गणेश चतुर्थी के दिन करने से बड़े लाभ होते हैं. इसके अलावा सभी मनोकामना पूरी हो जाती है. तो आइए जानते हैं गजानन महाराज के 108 नामों की गणेश नामावली. 108 नामों की गणेश नामावली- 1. बालगणपति : सबसे प्रिय बालक 2. भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो 3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान 4. धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाले 5. एकाक्षर : एकल अक्षर 6. एकदन्त: एक दांत वाले 7. गजकर्ण : हाथी की तरह आंखों वाले 8. गजानन: हाथी के मुख वाले भगवान 9. गजवक्र : हाथी की सूंड वाले 10. गजवक्त्र: हाथी की तरह मुंह है 11. गणाध्यक्ष : सभी जनों के मालिक 12. गणपति : सभी गणों के मालिक 13. गौरीसुत : माता गौरी के बेटे 14. लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव 15. लम्बोदर : बड़े पेट वाले 16. महाबल : अत्यधिक बलशाली 17. महागणपति : देवादिदेव 18. महेश्वर: सारे ब्रह्मांड के भगवान 19. मंगलमूर्ति : सभी शुभ कार्यों के देव 20. मूषकवाहन : जिनका सारथी मूषक है 21. निदीश्वरम : धन और निधि के दाता 22. प्रथमेश्वर : सब के बीच प्रथम आने वाले 23. शूपकर्ण : बड़े कान वाले देव 24. शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु 25. सिद्धिदाता: इच्छाओं और अवसरों के स्वामी 26. सिद्दिविनायक : सफलता के स्वामी 27. सुरेश्वरम : देवों के देव. 28. वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड वाले 29. अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है 30. अलम्पता : अनन्त देव. 31. अमित : अतुलनीय प्रभु 32. अनन्तचिदरुपम : अनंत और व्यक्ति चेतना वाले 33. अवनीश : पूरे विश्व के प्रभु 34. अविघ्न : बाधाएं हरने वाले. 35. भीम : विशाल 36. भूपति : धरती के मालिक 37. भुवनपति: देवों के देव. 38. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के दाता 39. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक 40. चतुर्भुज: चार भुजाओं वाले 41. देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि 42. देवांतकनाशकारी: बुराइयों और असुरों के विनाशक 43. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले 44. देवेन्द्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले 45. धार्मिक : दान देने वाले 46. दूर्जा : अपराजित देव 47. द्वैमातुर : दो माताओं वाले 48. एकदंष्ट्र: एक दांत वाले 49. ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे 50. गदाधर : जिनका हथियार गदा है 51. गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता 52. गुणिन: सभी गुणों के ज्ञानी 53. हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाले 54. हेरम्ब : मां का प्रिय पुत्र 55. कपिल : पीले भूरे रंग वाले 56. कवीश : कवियों के स्वामी 57. कीर्ति : यश के स्वामी 58. कृपाकर : कृपा करने वाले 59. कृष्णपिंगाश : पीली भूरी आंख वाले 60. क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला 61. क्षिप्रा : आराधना के योग्य 62. मनोमय : दिल जीतने वाले 63. मृत्युंजय : मौत को हराने वाले 64. मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है 65. मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता 66. नादप्रतिष्ठित : जिन्हें संगीत से प्यार हो 67. नमस्थेतु : सभी बुराइयों पर विजय प्राप्त करने वाले 68. नन्दन: भगवान शिव के पुत्र 69. सिद्धांथ: सफलता और उपलब्धियों के गुरु 70. पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाले 71. प्रमोद : आनंद 72. पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व 73. रक्त : लाल रंग के शरीर वाले 74. रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहेते 75. सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकर्ता 76) सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता 77. सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले 78. ओमकार : ओम के आकार वाले 79. शशिवर्णम : जिनका रंग चंद्रमा को भाता हो 80. शुभगुणकानन : जो सभी गुणों के गुरु हैं 81. श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध हैं 82. सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले 83. स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई 84. सुमुख : शुभ मुख वाले 85. स्वरूप : सौंदर्य के प्रेमी 86. तरुण : जिनकी कोई आयु न हो 87. उद्दण्ड : शरारती 88. उमापुत्र : पार्वती के पुत्र 89. वरगणपति : अवसरों के स्वामी 90. वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता 91. वरदविनायक: सफलता के स्वामी 92. वीरगणपति : वीर प्रभु 93. विद्यावारिधि : बुद्धि के देव 94. विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले 95. विघ्नहत्र्ता: विघ्न हरने वाले 96. विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले 97. विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक 98. विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान 99. विघ्नविनाशाय : बाधाओं का नाश करने वाले 100. विघ्नेश्वर : बाधाओं के हरने वाले भगवान 101. विकट : अत्यंत विशाल 102. विनायक : सब के भगवान 103. विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु 104. विश्वराजा : संसार के स्वामी 105. यज्ञकाय : सभी बलि को स्वीकार करने वाले 106. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी 107. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव 108. योगाधिप : ध्यान के प्रभु 'ये मुस्लिम देश है....' कहते हुए महिला ने तोड़ दी भगवान गणेश की मूर्तियां, देखें वीडियो इस एक्ट्रेस ने किया ईको-फ्रेंडली गणेश मूर्ति घर लाने का आग्रह गणेशोत्सव : भगवान गणेश को पसंद है ये प्रमुख चीजें, जरूर जानिए आप