प्रथम पूज्य श्रीगणेश का कल जन्मोत्सव है और बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ये पर्व भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक बनाया जाता है इसके बाद गणेशजी का विसर्जन किया जाता है. हर घर में गणेशजी का वास होता है और हर कोई उनकी पूजा भी करता है. आप भी करते होंगे और पूजा करने में हमें कई बातों का ध्यान भी रखना पड़ता है. पूजा में किसी भी तरह की गलती मानिन्हि जाती. ऐसे ही हम आपको बता देते हैं गणेश चतुर्थी के दिन कैसे कर सकते हैं आप पूजा और क्या है सही तरीका. चतुर्थी पर चाँद देखने की गलती हो जाये तो ऐसे हों दोषमुक्त ज्योतिषाचार्य के अनुसार सुबाहर स्नान के बाद मंदिर और घर को अच्छे से साफ़ कर लें और गंगाजल से पवित्र कर लें. इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को विधि विधान के साथ लाल कपडे या केले के पत्ते पर बैठाएं और कलश स्थापना करें. गणेश जी को नई पीली धोती, जनेऊ, आभूषण, माला इत्यादि धारण कराएं. दूर्वा, पान, सुपारी, इत्र, दुग्ध, दही, शहद, रोली, सिन्दूर, पुष्प इत्यादि उनको विधिवत पूजन के बाद अर्पित करें. पहले उन्हें लाल पुष्प और अक्षत चढ़ाएं साथ ही धूप,अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं. पान के पत्ते पर सुपारी रखकर चढ़ाएं इसके बाद गणेश स्तुति करें. हेलमेट पहनकर बाइक पर सवार होकर आए गणपति बप्पा, दें रहे अनोखा सन्देश इन सब के पहले आपको ध्यान रखना होगा कि गणेश जी का मुख पूर्व या उत्तर या उत्तर पूर्व ही होना चाहिए. इसी दिशा में गणेशजी को स्थापित करें और उनकी पूजा करें. आखिर में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें जिससे भगवस्न गणेश प्रसन्न होते हैं. साथ ही आपको बता दें, गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त 13 सितंबर को सुबह 11:02 यानी 11 से 13:31 यानी 1.30 बजे तक रहेगा. इस बीच आप गणेश स्थापना कर सकते हैं और उनकी पूजा कर सकते हैं. यह भी पढ़ें.. गणेश जी की प्रिय चीज है 'सुपारी', इसके उपाय से खुल जाएगी आपकी किस्मत फिटकरी से गणेश जी की मूर्ति बनाकर यह शख्स कर रहा लोगों का जागरूक