माघ मास (Magh Month) की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ (Sakat Chauth) और तिलकुटा चौथ मनाया जाता है। वहीं इस बार गणेश जयंती भी आने वाली है। जी हाँ, यह 04 फरवरी को मनाई जाने वाली है। तो हम आपको बताते हैं गणेश जयंती तिथियां, मुहूर्त और इसका महत्व और पूजा विधि। तिथियां और मुहूर्त- पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 फरवरी शुक्रवार को सुबह 04:38 बजे से शुरू होकर शनिवार 05 फरवरी को सुबह 03:47 बजे समाप्त होती है। वहीं गणेश जयंती के दिन सुबह 11।30 बजे से दोपहर 01।41 बजे तक का समय अच्छा है। इस समय गणपति बप्पा की पूजा करना शुभ होगा। शिव योग में पड़ रही है गणेश जयंती- इस साल गणेश जयंती पर दो शुभ योग है। पहला रवि योग और दूसरा शिव योग। इन दोनों योग में गणेश जयंती मनाई जाएगी। 04 फरवरी को शाम 07:10 बजे तक शिव योग रहेगा। रवि योग सुबह 07:08 बजे शुरू होगा और दोपहर 03।58 बजे समाप्त होगा। इन शुभ योग में गणेश जयंती मनाई जाएगी। गणेश जयंती का महत्व- कहा जाता है माता पार्वती ने श्री गणेश की रचना उबटन से की थी, जी हाँ और उनमें प्राण प्रतिष्ठा की थी। वहीं उस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी और जो कोई भी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करता है, उसे दिव्य सुख की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गणेश जयंती का पूजा विधि- पूजा स्थल की सफाई करें और मंदिर या पूजा स्थल को फूलों और रोशनी से सजाएं। अब चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति रखें। उसके बाद गणेश जी को सिंदूर और दूर्वा अर्पित करके 21 लडडुओं का भोग लगाएं। ध्यान रहे 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करें बाकी गरीबों या ब्राह्मणों को बांट दें। उसके बाद गणेश जी की कथा, चालीसा और आरती करें। आखिर क्यों गणपति बप्पा को पसंद है मोदक? इस श्राप के चलते शिव जी ने काट दिया था अपने ही पुत्र का सिर Money Heist की मॉनिका के घर में नज़र आए गणपति भगवान