दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के पहाड़ गणेशजी की मूर्ती को खंडित कर दिया गया था, लेकिन अब गणेश जी की इस खंडित प्रतिमा को केमिकल के मदद से एक अच्छे मूर्ती का स्वरुप दे रहे थे और बुधवार को यह प्रतिमा अपने असली रुप में आ गई हैं। इस मूर्ती की 95% हिस्से के टुकड़े मिल चुके थे। बस कान नहीं मिल रहा था लेकिन मंगलवार को गणेशजी का कान भी मिल गया। इसकी खोज के लिए डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन के नेतृत्व में करीब 100 ग्रामीण और कई जवान सुबह ही खाई में उतरे थे। मंगलवार को ढोलकल की गणेश की प्रतिमा के अन्य भाग को जोड़ना शुरु कर दिया था और शाम होते तक मूर्ती अपने असल रुप में आने लगी। यह काम बुधवार को को पूरा कर दिया गया है। मूर्ती के नीचे गिरने की वजह से 56 टुकड़े हो गए थे और अब उन टुकड़ो को अब एकत्र कर लिया गया था बस कान नहीं मिल रहा था, जिसे मंगलवार को क्षेत्र के ग्रामीणों ने खोज निकाला। इस ऐतिहासिक स्थल के केंद्र और राज्य के पुरातत्व रिकार्ड में न होने से सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी ग्रामीण निभाएंगे। उनकी मांग पर टूरिस्ट गाइड और रास्ते में पेयजल व दीगर सुविधाएं प्रशासन इसकी व्यवस्था कराएगा। बैलाडिला के ढोलकल पर्वत पर स्थित 10-11वीं सदी की गणेश प्रतिमा पुनर्निर्माण के बाद अपने मूल रूप में नजर आएगी। कहा जा रहा है कि इस प्रतिमा की पुन: स्थापना की जाएगी और ग्रामीण पूजा अर्चना भी करेंगे जिसकी तैयारी में सभी लगे हुए हैं। धन लाभ के लिए करे आवले की पूजा जानिए हंस क्यों है माँ सरस्वती का वाहन