हिंदू धर्म में सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति व गणपति में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। क्योंकि गणेशजी को भौतिक, दैहिक व अध्यात्मिक कामनाओं के सिद्धि के लिए सबसे पहले पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की विशेष पूजा का दिन बुधवार है। इस दिन भगवान की पूजा सच्चे मन से करने से मनवांछित फल मिलता है। साथ ही, अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में है तो इस दिन पूजा करने से वह भी शांत हो जाता है। गणेशजी को करें ऐसे प्रसन्न बुधवार के दिन सुबह स्नान कर गणेशजी के मंदिर जाकर उन्हें दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से आपको जल्द ही शुभ फल मिलेंगे। दूर्वा गणेशजी को अति प्रिय है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौजूद होता है। गणपति अथर्वशीर्ष में कहा गया है कि जो भक्त गणेशजी की पूजा दुर्वांकुर से करता है, वह कुबेर के समान हो जाता है। कुबेर के समान होने का मतलब है उसके पास धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने का दूसरा तरीका है मोदक का भोग जो भक्त गणेशजी को मोदक का भोग लगाता है गणपति उनका मंगल करते हैं। शास्त्रों में मोदक की तुलना ब्रह्म से की गई है। मोदक भी अमृत मिश्रित माना गया है। भगवान गणेश को घी काफी पसंद है। गणपति अथर्वशीर्ष में घी से गणेश की पूजा का बड़ा महात्म्य बताया गया है। घी से गणेश की पूजा करने वाला भक्त अपनी योग्यता व ज्ञान से संसार में सब कुछ हासिल कर लेता है। बुधवार को गणेशजी के इस मंत्र का जाप विधि-विधान से करें। सभी कष्टों से निजात मिल जाएगा। त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम।