गंगा दशहरा 2018 - गंगा दशहरा पर गंगा स्नान से इन पापों से मिलती है मुक्ति

ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन माँ गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई तो उस दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी, तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. 

जब माँ गंगा धरती पर अवतरित हुई थी उस दिन दस शुभ योग एक साथ उपलब्ध होने के कारण भी इस दिन को  गंगा दशहरा कहा जाता है. गंगा दशहरा पर गंगा स्नान के बाद दान और उपवास का बड़ा महत्व होता है. इन दिन व्रत करने से दस तरह के पापों में तीन कायिक, चार वाचिक और तीन मानसिक पाप आदि जैसे दस तरह के पापों को हरने के कारण भी इसे दशहरा कहते हैं.

यह पावन संयोग हर वर्ष नहीं आता है यह केवल तब मनाया जाता है जिस वर्ष अधिकमास होता है उसी वर्ष पुरुषोत्तममास में ही गंगा दशहरा माना जाता है. इस दिन गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान और पूजन करने की परंपरा है. स्नान करते समय ऊं नम: शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम: का जाप करना शुभ फलदायक होता है. 

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