आप सभी को बता दें कि आज गंगा सप्तमी है और आज के दिन गंगा माता का पूजन बहुत धूम धाम से किया जाता है. ऐसे में आज के दिन माँ को खुश करने के लिए आप उनकी आरती भी कर सकते हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. गंगा माँ की आरती - जय गंगा मैया मां जय सुरसरी मैया। भवबारिधि उद्धारिणी अतिहि सुदृढ़ नैया।। हरी पद पदम प्रसूता विमल वारिधारा। ब्रम्हदेव भागीरथी शुचि पुण्यगारा।। शंकर जता विहारिणी हारिणी त्रय तापा। सागर पुत्र गन तारिणी हारिणी सकल पापा।। गंगा-गंगा जो जन उच्चारते मुखसों। दूर देश में स्थित भी तुरंत तरन सुखसों।। मृत की अस्थि तनिक तुव जल धारा पावै। सो जन पावन होकर परम धाम जावे।। तट-तटवासी तरुवर जल थल चरप्राणी। पक्षी-पशु पतंग गति पावे निर्वाणी।। मातु दयामयी कीजै दीनन पद दाया। प्रभु पद पदम मिलकर हरी लीजै माया।। गंगा माँ की दूसरी आरती - ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता। ॐ जय गंगे माता... चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता। शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता। ॐ जय गंगे माता... पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता। कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता। ॐ जय गंगे माता... एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता। यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता। ॐ जय गंगे माता... आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता। दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता। ॐ जय गंगे माता... ॐ जय गंगे माता...।। 11 मई को है गंगा सप्तमी, ऐसे हुआ था गंगा का जन्म गंगा के लिए 194 दिन से अनशन पर बैठे स्वामी आत्मबोधानंद ने तोड़ा उपवास