अंग्रजी में वीड, हिंदी में गाँजा और वैज्ञानिक भाषा में cannabis sativa ये सभी नाम एक ही नशे को दिए गए है. आज के समय में कई नौजवान लोग इस नशे का सेवन करते है. गांजे का धुआँ हमारे शरीर में अंदर जाते ही सबसे पहले वो लंग्स और फेफड़ो में चिपककर खून में मिल जाता है और खून में मिलते ही वो सबसे पहले स्पाइनल कॉर्ड पर असर करने लगता है जिसके कारण हमारा सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर इफ़ेक्ट पड़ना शुरू होता है और हमारा शरीर ढीला पढ़ना शुरू हो जाता है. धीरे-धीरे यह हमारे दिमाग पर भी असर करना शुरू करता है जिससे दिमाग शरीर पर पूरी तरह नियंत्रण करना खो देता है और इस वजह से चलने-फिरने, उठने-बैठने में तकलीफ महसूस होती है. गांजा सबसे बड़ा असर मेटाबोलिज्म पर करना शुरू करता है जिसकी वजह से हमे ज्यादा भूख लगने का अहसास होता है. इससे हमारे शरीर का वो सिस्टम जो हमे पेट भरने का अहसास दिलाता है वो पूरी तरह एक्टिव होना बंद हो जाता है. इस वजह से हम हमारी भूख पर पूरी तरह से कंट्रोल खो देते है. कुछ लोग गांजे का सेवन इसलिए करते है ताकि वो ज्यादा खाना खा पाए और अपना वजन बढ़ा पाए, परन्तु गांजे के सेवन के वजह से हमारा मेटाबोलिज्म बहुत धीमा हो जाता है जिसके वजह से वजन बढ़ना नामुमकिन है. गांजे का अधिक सेवन करने से कई समस्याएं सामने आई है जैसे- सांस लेने में तकलीफ होना कसरत करते समय थक जाना और शरीर का फूल जाना आदि कोई भी नशा अगर अधिक मात्रा से ज़्यादा किया जाए तो वो हानिकारक होता है. इस वजह से लड़कियां अपने पैर में बांधती हैं काला धागा 24 साल पहले लापता बेटी को पिता ने ढूंढ़ निकाला Video : समर वेकेशन में बच्चों के लिए कूल-कूल लर्निंग