भारत में फिर से वैध होगा गांजा

भारत में वैसे तो गांजा अवैध है लेकिन कई गावों में और शहरों में लोग इसका सेवन करते दिख जाएंगे. भारत में गांजे का सेवन करने वाले कई लोग इसके औषधीय गुणों के कारण इसको वैध करने की मांग करते रहते है, ऐसे में अब हाल ही में बाबा रामदेव के पतंजलि ने एक बयान में यह बताया कि गांजा याने मेरुआना अब लीगल होना चाहिए, साथ ही पतंजलि ने अपनी बात में पुराने ग्रंथों का भी जिक्र किया है. 

योग गुरु बाबा रामदेव के साथी आचार्य बालकृष्ण ' प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में गांजा इस्तेमाल होता आया है. गांजे का इस्तेमाल औषधी के रूप में किया जा सकता है. हम इस पर अभी अध्ययन कर रहे हैं. हमें गांजे की उपयोगिता और सही इस्तेमाल के बारे में विचार करना चाहिए.' साथ ही अपने बयान में आगे कहते है कि, गांजे के अवैध होने से हम ढेर सारे रोजगार खो रहे है.  आचार्य बालकृष्ण के अनुसार पतंजलि  इस पर रिसर्ज कर रहा है. गांजे को शुद्ध करके तेल निकाल कर औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. 

आपको बताते है क्यों और कब से भारत में गांजा अवैध है. 1985 में जब केंद्र में राजीव गाँधी की सरकार थी उस समय UN  के दबाव के बाद नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस एक्ट के तहत  इसके उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. अवैध करने के पहले गांजे को एक औषधि के रूप में देखा जाता था, बाद में इसे ड्रग्स की केटेगरी में रखा गया.

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