आप सभी इस बात से वाकिफ ही होंगे कि हिंदू धर्म के अनुसार गणेश जी का पूजन बहुत धूम धाम से किया जाता है. ऐसे में बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित होता है लेकिन इस बार गणेश चतुर्थी सोमवार को यानी 2 सितंबर को है. ऐसे में गणेश चतुर्थी का दिन गणपति बप्‍पा जी की पूजा का दिन है और भगवान गणेश दुखों का नाश और संकट दूर करने वाले देवता माने गए हैं. इसी के साथ कहा जाता है इनकी पूजा सभी देवी देवताओं से पहले होती है और गणेश सभी के कष्‍टों को हर लेने वाले हैं. कहते हैं जिस दिन गणेश चतुर्थी होती है उस दिन गणेश जी कि स्थापना की जाती है लेकिन उसी के साथ उनकी आरती जरुरी मानी जाती है. कहते हैं बिना गणेश जी की आरती के पूजा सम्पन्न नहीं होती है तो ऐसे में आज हम आपके लिए लेकर आए हैं गणेश जी की आरती जो आप गणेश चतुर्थी के दिन जरूर करनी चाहिए. गणेश जी की आरती.... जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी. माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥ पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा. लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया. बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥ ‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा. माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा. माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ गणेश जी की अन्य आरती- गणपति राखो मेरी लाज गणपति राखो मेरी लाज पुरन कीजे मेरे काज पूरन कीजे मेरे काज. तू भक्तों का प्यारा है सबका पालनहारा है भयहारी दुखहारी तू करता मूषक सवारी तू तू ही विघ्न-विनाशक है दीनजनों का रक्षक है तेरा ही हम नाम जपें तुझको हम प्रणाम करें सदा रहे खुशहाल गणपति लाल जो प्रथमें तुम्हे ध्यावे गोरी पुत्र प्यारे जगत से न्यारे वो तुझसे सबकुछ पावे तेरी दया का में मोहताज तेरी दया का में मोहताज हे सम्भु के लाल प्रभु किरपाल में आया शरण तिहारी हे गिरिजा के लाल प्रभु दिग्पाल तेरी है महिमा न्यारी विनती सुनलो मेरी आज विनती सुनलो मेरी आज गणपति राखो मेरी लाज पूरण कीजो मेरे आज कभी न टूटे आस मेरा विश्वास, मैं आया शरण तुम्हारी हे शंभू के लाल प्रभु किरपाल, हे तेरी महिमा न्यारी, तेरे दया का मैं मोहताज, गणपति राखो मेरी लाज, पूरण कीजो मेरे काज जिसके सर पे हाथ तेरा हो नाथ उसे फिर कैसा डर है जपे जो तेरा नाम सुबह और शाम तो उसका नाम अमर है, सब देवों के तुम सरताज . गणपति राखो मेरी लाज पूरण कीजो मेरे काज. अपनी राशि के स्वामी के अनुसार गणेश चतुर्थी पर करें पूजन 2 सितंबर को है गणेश चतुर्थी, जानिए स्थापना मुहूर्त इस वजह गणपति बप्पा को भाते हैं मोदक, बिना इसके पूजा होती है अधूरी