हिंदू धर्म में बहुत से ग्रंथ हैं, जिनमें मानव जीवन से जुड़ी बहुत सी बातों उल्लेखित है। हालाँकि अगर आज के समय की बात करें तो किसी के पास इतना समय नही हैं कि वो इन ग्रंथ या शास्त्रोंं को पढ़कर इन बातों का जान पाए। हालाँकि आजकल लोग मोबाईल में जुड़े रहते हैं। अब आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जो आपके बहुत काम आ सकता है। जी दरअसल आज हम आपको हिंदू धर्म के मुख्य ग्रंथ मे से एक गरुड़ पुराण में वर्णित बातों से अवगत करवाने जा रहे हैं। यह वह बातें हैं जो व्यक्ति को हमेशा ध्यान रखनी चाहिए और अगर वह इसका ध्यान रखता है तो उसके जीवन में कभी कोई दुःख नहीं आता। सबसे पहले जानिए गरुड़ पुराण में वर्णित ये श्लोक- दाता दरिद्रः कृपणोर्थयुक्तः पुत्रोविधेयः कुजनस्य सेवा। परापकारेषु नरस्य मृत्युः प्रजायते दिश्चरितानि पञ्च।। अर्थ- गरुड़ पुराण में वर्णित इस श्लोक का अर्थ ये है कि किसी भी व्यक्ति को कभी दरिद्र होकर दाता नहीं बनना चाहिए। जी हाँ और इसका मतलब ये है कि कभी किसी को अपने सामर्थ्य से बढ़कर दान-दक्षिणा नहीं देना चाहिए। जी दरअसल अक्सर कुछ लोग दिखाने के चक्कर में अधिक दान कर देते हैं, फिर चाहे बाद में उन्हें परेशानी क्यों न हो। तो किसी भी व्यक्ति को ज़रूरत से ज्यादा दान नहीं करना चाहिए वरना वह दान कोई मतलब का नहीं होता। इसके बाद श्लोक में कहा गया है प्रत्येक व्यक्ति को साफ़ सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए। जिन लोगों को स्वच्छ वस्त्र होने के बावजूज गंदे कपड़े पहनने की आदत होती है। उनके जीवन में कभी सुख-समृद्धि नहीं आती। केवल यही नहीं बल्कि घर में आने वाला धन उल्टे पैर लौट जाता है तथा सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल जाता है। अगर सपने में दिखे ये चीजें तो समझ लीजिये मृत्यु का संकेत जानिए शनि जयंती पर क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, मंत्र और पूजा विधि? शनि जयंती पर देव को जरूर अर्पित करें ये 5 चीजें