गौतम अडानी की कंपनी लाने जा रही है हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक, जानिए कब होंगे लॉन्च?

एशिया के चर्चित बिजनेसमेन गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने ग्रीन एनर्जी की दिशा में आज एक बड़ा फैसला उठाते हुए अशोक लेलैंड और कनाडा की बैलार्ड पावर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौते के तहत अडानी इंटरप्राइजेज खनन, रसद एवं परिवहन के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (FCET) विकसित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट आरम्भ करने जा रही है। इन ट्रकों का उपयोग बड़े उद्योगों में किया जाएगा। 

वही अपने ज्ञापन में AEL ने कहा है कि, यह एशिया का अपनी प्रकार का पहला प्रोजेक्ट है। जहां इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा किया जाएगा वहीं पीईएम फ्यूल सेल इंजन बिजनेस में अग्रणी बैलार्ड हाइड्रोजन ट्रक के लिए एफसी मूव टीएम (FCmoveTM) फ्यूल सेल इंजन की सप्लाई करेगा। इसके अतिरिक्त अशोक लेलैंड, जो कि दुनिया भर में बस जैसे हैवी व्हीकल के निर्माण के लिए लोकप्रिय है, वो इस परियोजना में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। ये प्रोजेक्ट माइनिंग, ट्रांसपोर्टेशन एवं हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स की शानदार पर केंद्रित है। 

भारत में 2023 में हाइड्रोजन फ्यूल-सेल इलेक्ट्रिक ट्रकों को लॉन्च किए जाने की योजना है। बता दें कि, अडानी समूह ने इससे पहले ऐलान किया था कि वह अगले 10 सालों में ग्रीन हाइड्रोजन और संबंधित इको सिस्टम में 50 बिलियन अमरीकी डालर से ज्यादा का निवेश करने की योजना बना रहा है, जिसकी वार्षिक क्षमता 3 मिलियन टन तक है। विनय प्रकाश, निदेशक, एईएल एवं सीईओ, अडानी नेचुरल रिसोर्सेज ने कहा, "यह अग्रणी और महत्वाकांक्षी ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट भारत की भविष्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए एक मजबूत नींव रखेगी।" उन्होनें कहा कि, "कमर्शियल फ्लीट (व्यवसायिक वाहनों) के लिए ईंधन के तौर पर हाइड्रोजन का उपयोग न सिर्फ देश में खनन और रसद क्षेत्र के लिए हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी के आगमन को आगे बढ़ाता है, बल्कि अन्य कारोबारों जैसे बंदरगाहों, हवाई अड्डों और फ्लीट इत्यादि में भी दीर्घकालिक समाधानों का विकल्प चुनने में भी देश को सक्षम करेगा।  

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