हिंदू धर्म में कई प्रकार के व्रत और त्यौहार मनाये जाते हैं. ऐसे में सभी व्रत पर्वों का अपना अलग ही महत्व होता हैं. इन्ही में शामिल है गायत्री जयंती का पर्व जो इस बार 2 जून को पड़ रहा हैं. आप सभी को बता दें कि पंचांग के मुताबिक गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती हैं. ऐसे में धार्मिक मान्यताओं को माना जाए तो गायत्री जयंती माता गायत्री का जन्मोत्सव हैं इसलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा आराधना की जाती हैं. इसी के साथ धार्मिक शास्त्रों में माता गायत्री को वेद माता के नाम से जाना जाता हैं. अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं गायत्री जयंती से जुड़ी बातें. जानिए गायंत्री जयंती मुहूर्त— एकादशी तिथि प्रारंभ— 02:57 PM, जून 01, 2020 एकादशी तिथि समाप्त— 12:04 PM, जून 02, 2020 जी दरअसल हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी के मुख से गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था. वहीँ माता गायत्री की कृपा से ब्रह्माजी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या अपने चारों मुखों से चार वेदों के रूप में की थी. कहा जाता है आरम्भ में माता गायत्री की महिमा केवल देवताओं तक ही थी लेकिन महर्षि विश्वामित्र ने कठोर तपस्या कर माता की महिमा अर्थात् गायत्री मंत्र को जन जन तक पहुंचाया. वहीँ एक प्रसंग के मुताबिक एक बार ब्रह्माजी ने यज्ञ का आयोजन किया. परंपरा के अनुसार यज्ञ में ब्रह्मा जी को पत्नी सहित ही यज्ञ में बैठना था. मगर किसी कारणवश ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री को आने में देर हो गई. यज्ञ का मुहूर्त निकला जा रहा था. इसलिए ब्रह्मा जी ने वहां मौजूद देवी गायत्री से विवाह कर लिया और उन्हें अपनी पत्नी का स्थान देकर यज्ञ प्रारम्भ कर दिया. चाणक्य नीति: ऐसे पुरुषों को पाने के लिए हद से गुजर जाती हैं महिलाएं रात को तकिये के नीचे रखकर सोये यह चीज, चमक उठेगी किस्मत आज जरूर करें शनिदेव के अचूक मंत्र का जाप