लखनऊ। उत्तरप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और एक महिला के साथ गैंगरेप व एक बच्ची के साथ शौषण के आरोपों में पकड़े गए गायत्री प्रजापति को लेकर यह बात सामने आई है कि वे भारत के असली बीपीएल थे। जी हां, असली बीपीएल। कहा तो यही जा रहा है कि वे ही देश के बीपीएल हैं। भई बीपीएल कार्ड उनके हाथ में हो मगर इसके बाद भी वे बीएमडब्ल्यू की सवारी करें तो कहना ही होगा उन्हें बीपीएल। गायत्री प्रजापति को लेकर इसी तरह की जानकारी सामने आई है। हालांकि वे एक गरीब परिवार से थे मगर काॅन्ट्रेक्टर बनने के बाद वे राजनीति में शामिल हो गए। वर्ष 2002 में वे बीपीएल कार्डधारी थे। गायत्री प्रजापति पर मगर बाद में जैसे ही वे राजनीति में आगे बढ़ते गए उनकी संपत्ती बढ़ती चली गई। उन्हें लेकर आश्चर्यजनक जानकारी सामने आई है कि उनके नाम कई कंपनियां हैं। दरअसल उनका निवेश एमजीएम एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, सहयोग बिल्डमेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, डीसेंट काॅन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसजी रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएसए इंफ्रा वैंचर प्राइवेट लिमिटेड, कान्हा बिल्डवैल प्राइवेट लिमिटेड, मग्स एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, एमजीए हासपिटैलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, दया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, आदि में है। वर्ष 2012 में उनकी संपत्ति 1.83 करोड़ रूपए बताई गई थी। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि अमेठी जैसी सीट में कांग्रेस प्रत्याशी उनसे हार गए थे। उन्हें वर्ष 2013 में सिंचाई राज्य मंत्री बनाया गया था। वर्ष 2014 में वे राज्य कैबिनेट में शामिल हुए। उनके राजनीतिक कैरियर के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण था लेकिन इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में वे प्रत्याशी के तौर पर खड़े हुए और चुनाव के दौरान ही उनके खिलाफ रेप के आरोप लगे। पहले उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था मगर बाद में फिर रख लिया गया। हालांकि वर्ष 2015 में भी उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ती, अवैध उत्खनन और अन्य मामलों में आरोप लगे थे मगर वे छूट गए थे। रेप के आरोपी अखिलेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति लखनऊ से गिरफ्तार सपा सांसद की नजर में मंत्री पर रेप का आरोप कोई बड़ी बात नहीं दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रजापति का गनर गिरफ्तार गायत्री प्रजापति के करीबी को किया गिरफ्तार, नेता जी अब भी फरार