गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है। आप सभी को बता दें कि गीता के उपदेश में समस्त जीवन का सार छिपा हुआ है। हर साल अगहन के महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर गीता जयंती मनाई जाती है। आप सभी को बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी तिथि पर ही द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान अपने शिष्य अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से हर साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती के तौर पर मनाया जाता है। कहते हैं यही एक ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती 14 दिसंबर 2021 को मनाई जा रही है। चिंता का त्याग करना- गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि 'कभी भी व्यक्ति को व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए। हर किसी को एक न एक दिन मरना है, आत्मा न तो पैदा होती है और न ही ये मरती है। आत्मा अमर है। इसलिए व्यर्थ की चिंता से मुक्ति होकर कर्म के रास्ते पर बढ़ना चाहिए।' क्रोध पर नियंत्रण करना- गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं- 'क्रोध करने से इंसान का पतन आरंभ हो जाता है। क्रोध करने से लगातार भ्रम की स्थिति बनने लगती है। क्रोध करने से व्यक्ति अच्छे और बुरे परिणाम में फर्क करना भूल जाता है जिस कारण से मनुष्य की तर्क शक्ति क्षीण हो जाती है। और वह अपना नैतिक पतन के राह पर चल देता है।' मन पर रखें काबू- गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं, 'अगर व्यक्ति अपने मन पर काबू करना सीख लेता है तो वह हर तरह की बाधा को आसानी से पार कर सकता है। इसलिए मनुष्य को हर हाल में अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए।' कर्म करते रहना- गीता के उपदेश में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं 'मनुष्य को ज्ञान और कर्म को एक समान रखना चाहिए। कर्म करते हुए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।' Koo App मोक्षदा एकादशी एवं गीता जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। #GitaJayanti View attached media content - Nitin Gadkari (@nitin.gadkari) 14 Dec 2021 गीता जयंती: आज जरूर करें श्री भगवद्‍ गीता की यह आरती इस राज्य में अगले साल से स्कूलों में होगा भगवद गीता का पाठ, सरकार ने किया ऐलान गीता महोत्सव पर कुरुक्षेत्र के 75 तीर्थों पर होगा दीपोत्सव, जलेंगे 5 लाख दीये