राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में दांडी मार्च की 91वीं वर्षगांठ के अवसर पर 'पदयात्रा' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में अधिनियमित कृषि कानूनों में कटौती की और आशा व्यक्त की कि केंद्र किसानों के पक्ष में सोचता है। गहलोत ने कहा, "दांडी मार्च की बरसी मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद साबरमती आश्रम से 'पदयात्रा' करने का फैसला किया। मैं आशा करता हूं कि आज शाम तक गांधी जी का संदेश उनके विवेक के अंदर हिट हो। इसके बाद ही वह किसानों के पक्ष में फैसला कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो हमारे देश के किसान, देशवासी बहुत खुश होंगे। उन्होंने कहा कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि केंद्र सरकार स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाने वाले किसानों के प्रति 'जिद्दी रवैया' बनाए हुए है। गहलोत ने कहा, 'मैं बार-बार कहता हूं कि सरकारों को कभी जिद्दी नहीं होना चाहिए, सरकारों को हमेशा जनता के सामने, 'जनता जनार्दन' के सामने, मतदाताओं के सामने झुकना चाहिए। दांडी मार्च हमारे देश की आजादी में मील का पत्थर साबित हुआ । गहलोत ने ट्वीट किया, हम दांडी मार्च के जनक महात्मा गांधी को सलाम करते हैं। नमक सत्याग्रह या दांडी मार्च महात्मा गांधी के नेतृत्व में औपनिवेशिक भारत में अहिंसात्मक सविनय अवज्ञा का कार्य था। 24-दिवसीय मार्च 12 मार्च, 1930 से 5 अप्रैल, 1930 तक, ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष अभियान के रूप में चला। इस वर्ष के अंत तक मिल सकेगी इटली में विकसित रूसी वैक्सीन का डोज बीजेपी ने मदन कौशिक को उत्तराखंड का भाजपा अध्यक्ष किया नियुक्त ऑडियो कैसेट्स का आविष्कार करने वाले Lou Ottens का हुआ निधन, 94 की उम्र में ली अंतिम सांस