जयपुर: हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में सरकार चलाने के साथ ही केंद्रीय स्तर पर भी पार्टी का काम देखेंगे. जंहा गहलोत समान विचारधारा वाले दलों एवं नेताओं के साथ समन्‍वय का काम देखेंगे. कांग्रेस के संगठन महासचिव रहते हुए गहलोत ने भाजपा विरोधी दलों को एकजुट करने में भूमिका अदा की थी. गुजरात और पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधियों को एकजुट करने का काम भी गहलोत ने ही किया था. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू से अच्छे संबंधों के चलते एक बार फिर गहलोत को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के समन्‍वय की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शुक्रवार रात दिल्ली के जोधपुर हाउस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने लंबी चर्चा की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वइस बैठक में गहलोत के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे सहित कई नेता मौजूद रहे. दो दौर में चली इस बैठक में भाजपा और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाने को लेकर चर्चा हुई. अगले माह दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर की रैली के बाद जिला और ब्लॉक स्तर पर लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर चर्चा हुई. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के विश्वस्त गहलोत शुरू से ही पीएम मोदी के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाते रहे हैं. वे लगातार राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते रहे हैं. कांग्रेस के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि गहलोत राजस्थान में सरकार चलाने के साथ ही दिल्ली में कांग्रेस का अन्य दलों के साथ तालमेल बढ़ाने का काम करेंगे इस पदाधिकारी ने बताया कि शनिवार को केंद्र सरकार के खिलाफ अहमदाबाद में हुए प्रदर्शन में गहलोत की मौजूदगी भी इसी योजना का एक हिस्सा है. केंद्र के खिलाफ संयुक्त रणनीति बनाएंगे: हम आपको बता दें कि गहलोत की राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ अब भी पटरी नहीं बैठ पा रही है. पार्टी के संगठनात्मक मामलों में पायलट गहलोत की सलाह को अधिक तवज्जो नहीं दे रहे हैं. इस कारण गहलोत समर्थक परेशान है. बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार के खिलाफ हुई सभा में भी दोनों नेताओं के बीच दूरी देखने को मिली. सभा का संचालन कर रहे परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जैसे ही कहा कि यह पार्टी का कार्यक्रम है, इसलिए पायलट का भाषण मुख्यमंत्री के बाद होगा क्योंकि वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैंं. इस पर गहलोत के चेहरे पर नाराजगी नजर आई और उन्होंने खड़े होकर कहा कि मुझे दिल्ली जाना है, इसलिए मैं पहले बोलकर चला जाऊंगा, उन्होंने किया भी ऐसा ही. वे पायलट के भाषण से पहले मंच छोड़ रवाना हो गए. महाराष्ट्र फ्लोर टेस्ट: ठाकरे सरकार ने पास किया फ्लोर टेस्ट 4 विधायकों ने नहीं किया वोट ईरान में वायु प्रदूषण का कहर, बढ़ते खतरे पर डिप्‍टी गर्वनर ने उठाया बड़ा कदम कार्यकाल के 180 दिन पूरे होने पर बोले पीएम मोदी- 'भारत पहले के छह महीने पूरे'...