जयपुर: राजस्थान की राजनीति में अभी भी सबकुछ ठीक नहीं है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद की खबरें हर साल आती हैं। कहा जाता है कि पायलट सीएम बनना चाहते हैं एवं गहलोत उन्हें अवसर नहीं दे रहे। प्रदेश में एक ही पार्टी में दो नेताओं के गुट चलते हैं। एक गहलोत खेमा है तो दूसरा पायलट खेमा है। हाल ही में इस विवाद ने सबसे अधिक तूल तब पकड़ा था जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत के नाम की चर्चाएं चल रही थीं। ऐसे में एक बार फिर भारत जोड़ो यात्रा में ये दोनों नेता एक साथ सम्मिलित हुए। मगर सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं एक साथ तो आए मगर दोनों के बीच दुआ सलाम तक नहीं हुआ। 25 सितंबर के विधायक दल के बैठक के चलते हुए विवाद के पश्चात् पहली बार सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों के लिए हो रही बैठक में सम्मिलित हुए। दोनों नेता गहलोत और पायलट एक साथ बैठे लेकिन दोनों के बीच दुआ सलाम तक नहीं हुआ। सचिन पायलट एवं अशोक गहलोत दोनों अलग-अलग पंक्तियों में बैठे हुए थे। सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट बैठक में भाग लेने के लिए प्रदेश कांग्रेस के वार रूम में पहले पहुंच गए थे। मगर सीएम अशोक गहलोत देरी से आए, लिहाजा थोड़ी देर बाद बैठक समाप्त होने से पहले वो निकल गए। वहां बैठक में बैठे नेताओं के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कोई बातचीत भी नहीं हुई। बता दें कि राजस्थान की सीधी लड़ाई अब सीएम की कुर्सी हासिल करने के लिए है। पिछले 4 वर्षों से सचिन पायलट मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालना चाहते हैं मगर उनके आड़े कोई न कोई घटना आ जाती है। पहले वो उपमुख्यमंत्री थे बागी बने तो वो पद भी चला गया। यह घटनाक्रम कई बार देखा गया है। ममता बनर्जी की शरणार्थियों से की ये बड़ी अपील जहां 40 साल पहले 'दादी' ने की थी सभा, आज वहीं पहुंचे राहुल गांधी 'सद्दाम जैसी दाढ़ी...' राहुल पर हिमंता के बयान से मचा बवाल, अलका बोलीं- 'अच्छा हुआ वफादार कुत्ते को'