रत्न नहीं तो जड़ी धारण करने से मिले ग्रहों की अनुकुलता

ग्रहों को अनुकुल बनाने के लिये ज्योतिषियों द्वारा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। चुंकि अधिकांश रत्न बहुत महंगे आते है वहीं जिस धातु में उसे पहनने की जरूरत होती है वह भी महंगी होने से रत्न धारण करने  से लोग दूर रहते है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का विशेष रूप से उल्लेख मिलता है कि यदि रत्न धारण करने की सामथ्र्यता नहीं हो तो ग्रह संबंधित जड़ी भी धारण कर ग्रहों की स्थिति को अनुकूल बनाया जा सकता है।

कौन से ग्रह की कौन सी है जड़ी-

केतु ग्रह की शांति के लिये लोंग को पीले वस्त्र मंें शनिवार के दिन धारण किया जा सकता है तो वहीं राहु शांति हेतु चंदन की जड़ हाथ में धारण करने से लाभ मिलता है। शनि ग्रह के लिये बिछुआ पौधे की जड़ नीले कपड़े में शनिवार को, सूर्य शांति के लिये बेल की जड़ रविवार को लाल कपड़े में, चंद्रमा हेतु खिरनी की जड़ पूर्णिमा की रात में सफेद कपड़े में और शुक्र ग्रह की शांति के लिये अनार की जड़ सफेद वस्त्र में बाधकर शुक्रवार की मध्य रात्रि को पहना जा सकता है। गुरू ग्रह की शांति के लिये केले की जड़ केसरिया वस्त्र में बांधकर बाजु में पहना जाये तो गुरू की कृपा मिलती है।

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उचित धातु में ही पहने रत्न और प्राप्त करें लाभ

 

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