इंदौर। दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है जिस वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंताजनक माहौल पैदा हो गया है। दिनों चीन में नए वैरिएंट BF.7 के कारण तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। जिसक बाद अब केंद्र की तरफ से अभी राज्यों को आदेश जारी कर सतर्क रहने की सलाह दे दी गई है। इसके बाद अब मध्यप्रदेश में भी कोरोना को लेकर सतर्क रहने की सलाह स्वास्थ विभाग की तरफ से दी गई है। कोरोना को लेकर एक बार फिर 22 दिसम्बर को हेल्थ कमिश्नर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत अब नए कोरोना मरीजों के जीनोम सिक्वेसिंग कराई जाएगी। ताकि नए वैरिएंट BF.7 की पहचान करने में देरी न हो। इस मामले में एमएचओ डॉ. बीएस सेत्या का कहना है कि इंदौर में इस महीने कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है। जिले में आखिरी बार एक कोरोना मरीज 28 नवम्बर को मिला था। लेकिन फिर भी लोग सतर्क रहे और भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से बचे। प्रदेश में जारी नई कोरोना गॉइडलाइन के तहत अब कोरोना केस पाए जाते हैं तो उसे तुरंत आइसोलेट किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ विभाग की और से लोगो को बूस्टर डोज लगवाने की अपील भी गई है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में इंदौर में भयावह स्थिति देखने को मिली थी जिसके बाद लोगों ने पहला और दूसरा डोज तो लगा लिया था लेकिन बूस्टर डोज में लोगो द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। आपको बता दें की इंदौर के 31.95 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं लेकिन बूस्टर डोज सिर्फ 4.89 लाख लोगों ने ही लगवाए हैं। इसके साथ ही कोरोना से बचने के लिए विदेश से आने वालों की जांच कराना जरूरी है। ताकि कोरोना के नए वैरियंट को शहर व् प्रदेश में आने से रोका जा सके। मंदिर में हुई तोड़फोड़ को लेकर हिंदूवादी संघठनो का प्रदर्शन आम जनता के लिए खुला देश का पहला और दुनिया का दूसरा इन्फैंट्री संग्रहालय कोर्ट ने किया कमलनाथ के भतीजे को तलब, लगा ये बड़ा आरोप